हजारीबाग। जिले के बड़कागांव, केरेडारी प्रखंड के पकरी बरवाडीह, चट्टी बरियातू, चतरा के टंडवा सहित कई स्थानों से कोयले का अपार उत्खनन हो रहा है। यहां किसानों की जमीन का उचित मुआवजा न देकर भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

यह बातें रविवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान हजारीबाग के पूर्व सांसद, सीपीआई के वरिष्ठ नेता और झारखंड विस्थापित मोर्चा के अध्यक्ष भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कही। उन्होंने यह भी कहा कि इस अधिनियम के तहत दो फसली तीन फसली जमीन का अधिग्रहण नहीं करना है। उपजाऊ जमीन का किसी प्रकार के अधिग्रहण नहीं करना है। गोंदलपूरा कोल ब्लॉक अडानी इंटरप्राइजेज को दिया गया है। इसके खिलाफ स्थानीय ग्रामीण 17 महीने से कोल ब्लॉक रद्द करने के लिए धरना दे रहे हैं। इसके बाद भी जिला प्रशासन और राज्य सरकार का कोई ध्यान इस पर नहीं है।

भूस्वामियों की समस्या को देखते हुए मेहता ने मुख्यमंत्री से मिलकर एक पत्र भी दिया कि गोंदलपुरा में अडानी कोल इंटरप्राइजेज की विरोध में दिए जा रहे धरने को जल्द समाप्त कराया जाए और किसानों की मांगों को पूरा किया जाए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कर भूमि अधिग्रहण लगातार जारी है।पूर्व सांसद ने कहा कि एनटीपीसी का चट्टी बारीयातु, पकरी बरवाडीह केरेडारी में कोयला उत्पादन का कार्य चालू है।

चट्टी बारीयातु में तो एनटीपीसी द्वारा कई सालों से कोयला निकाला जा रहा। जमीन अधिग्रहण कर नदी तालाब एवं सरकारी जमीन से भी कोयला निकाला जा रहा है। पर्यावरण को प्रदूषित करते हुए नष्ट किया जा रहा है। कुछ गांव के लोगों को जमीन के बदले नौकरी दी गई है, जिसकी न्यूनतम मजदूरी एक मामूली मजदूर से भी कम भुगतान किया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीण विस्थापित होकर रोजगार की तलाश में दूसरे जगह जा रहे हैं। इन कोल कंपनी द्वारा रोजगार न देकर बाहरी राज्य से लोगों को लाकर काम लिया जा रहा। ग्रामीणों के विरोध करने पर लाठीचार्ज कर उन्हें झूठे केस में फंसाया जा रहा है।

मौके पर सीपीआई राज्य परिषद सदस्य कृष्ण कुमार मेहता, किसान सभा के नेता मजीद अंसारी सीपीआई के सहायक सचिव निजाम अंसारी,कृष्ण कुमार मेहता, खतियानी परिवार के मो. हकीम, महिला समाज के इंद्रमणि देवी, मंजू गौतम, बिंदु देवी, सुनीता कक्ष्यप, मो. शमसुद्दीन अंसारी सहित कई अन्य उपस्थित थे।

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