
वाराणसी । सावन महीने में श्रद्धालुओं की भीड़ की संभावना को देखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर में वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी गई है। यह नियम 11 जुलाई से 9 अगस्त तक लागू रहेगा। कमिश्नर एस राजलिंगम ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने पर गंगा द्वार से प्रवेश बंद हो सकता है।
मंदिर प्रशासन के अनुसार, भक्त गेट-4, नंदू फेरिया, सिल्को, धुंडिराज और सरस्वती फाटक से प्रवेश कर सकेंगे। गंगा द्वार से भी एंट्री होगी, लेकिन गंगा का स्तर बढ़ने पर ललिता घाट से एंट्री बंद हो जाएगी। सावन के सोमवार 14, 21, 28 जुलाई और 4 अगस्त को विशेष श्रृंगार होगा। 9 अगस्त को झूला श्रृंगार होगा। मंदिर प्रशासन ने भक्तों से लाइन में लगने और ठगों से बचने की अपील की है। पिछले साल की भीड़ को देखते हुए खाली पेट न आने की सलाह दी गई है। मंदिर में बैग, मोबाइल, पेन और धातु की चीजें लाने की मनाही है।
एम्बुलेंस और मेडिकल टीम रहेगी मौजूद : श्रद्धालुओं के लिए पांच जगहों पर मेडिकल टीम मौजूद रहेगी। दो एम्बुलेंस भी रहेंगी, जिनमें एक एडवांस लाइफ सपोर्ट से लैस होगी। मंदिर परिसर में छह खोया-पाया केंद्र होंगे। ये शंकरचार्य चौक, गेट-1, गेट-2, गेट-4 और ललिता घाट पर होंगे। सुरक्षाकर्मी और सहायक कर्मचारी भी तैनात रहेंगे। पूरे धाम में पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम लगा होगा।
शहर में कई जगह आरती का लाइव प्रसारण : बुजुर्गों, विकलांगों और बच्चों के लिए गोदौलिया से मैदागिन तक फ्री ई-रिक्शा सेवा मिलेगी। ग्लूकोज, ओआरएस, बिस्किट, कैंडी और चॉकलेट भी बांटे जाएंगे। पीने के पानी और गुड़ की भी व्यवस्था होगी। स्मार्ट सिटी की मदद से धाम और शहर में कई जगहों पर आरती का लाइव प्रसारण होगा। जो लोग मंदिर नहीं आ सकते, वे ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर के YouTube चैनल पर भी लाइव स्ट्रीमिंग होगी।