
लखनऊ । अवैध धर्मांतरण के गिरोह के सरगना छांगुर बाबा और उसके करीबियों पर जल्द ही ईडी एनआईए व का शिकंजा भी कसेगा। दरअसल विदेशी बैंक खातों (खासकर इस्लामिक देशों से) से बड़े पैमाने पर बीते कुछ सालों में करोड़ों के संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुए हैं। इसके अलावा एसटीएफ व एटीएस की पड़ताल में आधा दर्जन से ज्यादा ऐसे विदेशी खातों के बारे में भी जानकारी मिली है जिनकी कोई डिटेल अभी एजेंसियों को नहीं मिल पाई है। माना जा रहा है कि इन खातों से भी करोड़ों के ट्रांजेक्शन हुए हैं। लॉ ऐंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बताया कि अभी तक की पड़ताल में 100 करोड़ से ज्यादा ट्रांजेक्शन की बात सामने आई। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी को विस्तृत रिपोर्ट भेजी है।
एसटीएफ की जांच के बाद दर्ज एफआईआर के अनुसार, नीतू उर्फ नसरीन के आठ बैंक खातों का पता चला है। बैंक ऑफ बड़ौदा के एक खाते में पांच करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन हुए। इसमें 24 फरवरी 2021 से 28 जून 2021 तक केवल 124 दिनों में ₹13 करोड़ 90 लाख 10 हजार जमा हुए और ₹13 करोड़ 58 लाख 5 हजार 882 निकाले गए। वहीं नवीन उर्फ जलालुद्दीन के छह बैंक खाते सामने आए हैं। इनमें बैंक ऑफ बड़ौदा के एक खाते में ₹16 करोड़ 22 लाख निफ्ट के माध्यम से जमा हुए, जो संदिग्ध लेनदेन है।
उसी बैंक के एक अन्य खाते में विदेश से निफ्ट के जरिए ₹18 करोड़ 66 लाख 21 हजार 66 और यूएईएक्स के माध्यम से दो लाख रुपये जमा हुए, जो भी संदिग्ध है। इस खाते से “3 लाख 32 हजार 784 विदेशी एनआरई/एनआरओ खाते में स्थानांतरित किए गए। नवीन के एचडीएफसी बैंक के एक खाते में 25 अक्टूबर 2021 से 6 जून 2024 के बीच “7 करोड़ 62 लाख 59 हजार 467 जमा हुए और “7 करोड़ 62 लाख 59 हजार 461 निकाले गए। खाते से “52 हजार दो बार में (27 हजार और 25 हजार) विदेशी खाते में भेजे गए। एचडीएफसी के एक अन्य खाते में 2021 से 2024 के बीच “12 करोड़ 28 लाख 9 हजार 454 जमा हुए और “12 करोड़ 28 लाख 3 हजार 273 निकाले गए। इस खाते से भी दो लाख रुपये विदेशी खाते में भेजे गए और 2 लाख 1 हजार 635 रुपये जमा हुए।
छांगुर के फर्मों के नाम पर आठ बैंक खाते : एसटीएफ की पड़ताल में सामने आया है कि छांगुर ने विभिन्न फर्मों के नाम पर आठ बैंक खाते खोल रखे हैं। इसमें अस्वी इंटरप्राइजेज, आस्वी चैरिटेबल ट्रस्ट, आसिपिया हसनी हुसैनी कलेक्शन, बाबा ताजुददीन आस्वी बुटिक प्रमुख हैं। छांगुर के एसबीआई के खाते में छह लाख रुपये विदेशी खाते से और 10 लाख रुपये नेफ्ट के जरिए जमा हुए।
नवीन ने आधा दर्जन से ज्यादा वोस्ट्रो खाते (ऐसा बैंक खाता है जो एक घरेलू बैंक किसी विदेशी बैंक के लिए उसी बैंक की मुद्रा में रखता है। मूलतः यह किसी विदेशी बैंक के लिए उस देश में भौतिक उपस्थिति के बिना स्थानीय मुद्रा में लेनदेन करने का एक तरीका है।) खोल रखे हैं। एसटीएफ व एटीएस को अभी तक इन खातों की डिटेल नहीं मिल पाई है। इसमें एक्सिस बैंक का खाता (Al Nahada 2 Sharjah Aearc), एसबीआई के दो खाते एनआरआई/एनआरओ, एचडीएफसी का बैंक खाता (EMIRATES NBD BANK P JSC) , एक्सिस बैंक का खाता (Mashreq Bank Dubai), EMIRATES NBD BANK, दुबई के फेडरल बैंक का खाता, अल अंसारी एक्सचेंज का आईएनआर खाता, आईसीआईसीआई बैंक के विदेशी बैंकों के खाते हैं, जिनकी विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है।
70 दिन से एक होटल के एक ही कमरे में रह रहे थे छांगुर व नीतू : 50 हजार का इनामी छांगुर बाबा 70 दिन से राजधानी के विकास नगर स्थित होटल स्टार रूम्स में एक ही कमरे में रह रहा था। लेकिन न स्थानीय पुलिस को भनक लगी और न ही एसटीएफ और एटीएस को। होटल वालों को भी संदिग्ध नहीं लगा कि एक बुजुर्ग और एक युवती 70 दिन से होटल में क्यों रुके हुए हैं। छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन होटल के कमरा नंबर 104 में 16 अप्रैल से रुके हुए थे। इस दौरान उनसे मिलने कई संदिग्ध आते थे। एक वकील का भी होटल के कमरे में आना जाना था। होटल में आईडी ने तौर पर दोनों ने आधार कार्ड की कॉपी दी थी, जिसमें नसरीन का नाम नीतू नवीन रोहरा और छांगुर बाबा का नाम छांगुर लिखा हुआ था।
करोड़ों की जमीनें खरीदीं : एफआईआर के अनुसार, छांगुर शाह, नीतू उर्फ नसरीन, नवीन उर्फ जमालुद्दीन, महबूब, मो. सबरोज, रमजान, रशीद, और शहाबुद्दीन विभिन्न राज्यों में इस्लाम धर्म के प्रसार के लिए करोड़ों रुपये की जमीनें खरीद रहे थे। ये लोग स्थानीय प्रशासन से मिलीभगत कर ग्राम समाज, तालाब और खलिहान से संबंधित भूमि को फर्जी तरीके से भूमिधरी जमीन में परिवर्तित कर खरीद रहे थे। साथ ही ये विवादित जमीनें भी खरीदते थे।
इसमें नागपुर के ईदुल इस्लाम उनकी मदद कर रहा था, जो खुद को भारत प्रतीकार्थ सेवा संघ का राष्ट्रीय महासचिव बताता है। छांगुर बाबा ने केवल चार वर्षों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां अर्जित की हैं। मधपुर में एक बड़ी जमीन खरीदकर उस पर तबेला, अस्पताल, स्टोर रूम, बंगला, और दो शोरूम का निर्माण करवाया जा रहा है, जिसके लिए 12 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया। ठेकेदार से विवाद होने पर पुलिस की मदद से ठेकेदार वसीउद्दीन के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट सहित अन्य आरोपों में एफआईआर दर्ज कराई गई।
तहसील कर्मियों की मदद से एक तालाब की जमीन पर कब्जा कर उसे नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर खरीद लिया गया। छांगुर ने रेहरामाफी गांव में अपने और अपने करीबियों के लिए कई घर बनवाए, जहां 50 से अधिक लोग रहते हैं। पुणे के मावल में 16 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी गई, जिसमें बलरामपुर के एक कोर्टकर्मी की पत्नी भी साझेदार है।