रांची : विरासत के प्रति बच्चों का रुझान उनके समग्र विकास के लिए जरूरी है। हमारा देश विरासत का धनी है और इसके जरिए हमारी पुरानी कला और संस्कृति से रू-ब-रू हुआ जा सकता है। गुरूवार को ये बातें झारखंड सरकार में उप निदेशक पुरातत्व रहे डॉ अमिताभ कुमार ने कहीं। वे विश्व विरासत दिवस के मौके पर टैगोर हिल में आयोजित हेरिटेज वॉक में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि विरासत स्थलों का संरक्षण समाज की जिम्मेवारी है और इसके लिए जागरूकता लाने की जरूरत है। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि नाबार्ड के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक कौशल कुमार सिन्हा ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। आज के समय में ऐसे प्रयत्नों की जरूरत है।

इस अवसर पर बम बहादुर सिंह ने कहा कि बच्चों का प्रकृति और धरोहर से लगाव अच्छा संकेत है। टैगोर हिल प्रकृति और विरासत का अद्भुत संगम है और इससे बहुत कुछ सीखा जा सकता है। मौके पर आइटीआरएचडी के राज्य प्रमुख श्रीदेव सिंह ने कहा कि विरासत को बचाना आनेवाली पीढियों के लिए बेहद जरूरी है।

भारत एक संस्कृति प्रधान देश है और यहां के धरोहर आनेवाली पीढ़ी का दिशा-निर्देशन करते हैं। हेरिटेज वॉक में लिटिल विंग्स स्कूल के 44 बच्चों ने हिस्सा लिया। इस टीम का नेतृत्व स्कूल के निदेशक रमेंद्र कुमार तथा शिक्षिका देबिका सिंह और रूचि पारूल टोप्पो ने किया।

इन सभी के बीच सहभागिता प्रमाण पत्र और शिक्षकों के बीच प्रशंसा प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। कार्यक्रम में विक्रम नाथ शाहदेव, आर्किटेक्ट अरूण रंजन, चंदन कुमार, राघवेंद्र सिंह लोहा, विवेक सिंह,अंकित कुमार, अजय कुमार मुखर्जी, अखिल कुमार और अजय मंडल समेत कई लोग मौजूद थे।

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