गिरिडीह । झारखंड के गिरिडीह जिले में माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मियों की प्रताड़ना से परेशान एक महिला ने सोमवार को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने मृतका का शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
मृतका का नाम सुलेखा देवी है। वह तीसरी थाना क्षेत्र के भुराई गांव की रहने वाली थी। उसके पति अमरजीत शर्मा दूसरे राज्य में मजदूरी करते हैं। बताया गया कि सुलेखा देवी ने माइक्रो फाइनेंस कंपनी से 50 हजार रुपये का कर्ज लिया था। कर्ज की कुछ किस्त वह अदा नहीं कर पाई थी। इसकी वसूली के लिए कंपनी के कर्मचारी उसपर लगातार दबाव डाल रहे थे।
कंपनी के कर्मचारी सोमवार सुबह भी सुलेखा देवी के घर पहुंच गए और उस पर तत्काल बकाया रकम चुकाने का दबाव डालने लगे। महिला ने मोहलत मांगी, लेकिन कंपनी के लोग रकम न चुकाने पर धमकी देने लगे। इस बीच ग्रामीणों की भीड़ भी इकट्ठा हो गई। कंपनी के कर्मी सुलेखा देवी के घर के बाहर जमे रहे। इसी दौरान सुलेखा देवी ने अपने घर के भीतर फांसी लगा ली। उसे आनन-फानन में फंदे से उतारा गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
घटना के बाद कंपनी के कर्मी मौके से भाग गए। घटना की सूचना गड़कुरा पंचायत के मुखिया इब्राहिम मियां ने पुलिस को दी। इसके बाद महिला का शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है। तीसरी थाना प्रभारी ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है।
झारखंड में माइक्रो फाइनेंस और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की प्रताड़ना की वजह से जान देने की कई घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। पिछले साल अक्टूबर में गिरिडीह जिले के बेंगाबाद थाना क्षेत्र के खंडोली गांव निवासी बबलू अंसारी की पत्नी जैबुन खातून ने भी माइक्रो फाइनेंस कंपनी के एजेंटों की प्रताड़ना से परेशान होकर जहर खा लिया था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इसके पहले पिछले साल 29 सितंबर को चतरा जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र के हारा नौकाडीह गांव में भी एक 17 वर्षीया युवती ने लोन देने वाली कंपनी के कर्मियों और एजेंट द्वारा की गई मारपीट से आहत होकर जहर खा लिया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।