रांची । झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपनी पूरी ताकत झोंकने को तैयार है। पार्टी ने चुनाव प्रबंधन की कमान बिहार भाजपा के दिग्गज नेताओं को सौंपी है। केंद्रीय मंत्री से लेकर विधायक तक, सभी को क्लस्टर वार जिम्मेदारी दी गई है। इन नेताओं का मुख्य काम है रोटी, बेटी और माटी के नारे के साथ महागठबंधन को घेरना और स्थानीय मुद्दों को भुनाना। दरअसल, बीजेपी इस बार कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। चुनावी रणनीति बनाने से लेकर उसे जमीन पर उतारने तक, हर काम के लिए अलग-अलग टीम बनाई है। इसमें केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, नितिन नवीन, सांसद विवेक ठाकुर और बिहार के वरिष्ठ विधायक संजीव चौरसिया जैसे दिग्गज चेहरे शामिल हैं।

इन नेताओं को झारखंड के अलग-अलग जिलों में चुनाव प्रचार और प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है। स्वास्थ्य एवं कृषि के साथ पश्चिम बंगाल के प्रदेश प्रभारी मंत्री मंगल पांडेय को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। बिहार के नगर विकास एवं आवास मंत्री और छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।

उन्हें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट के साथ दो जिलों के छह विधानसभा क्षेत्र का कलस्टर प्रभारी बनाया गया है। इसमें साहेबगंज और पाकुड़ भी शामिल हैं। वहीं, सांसद विवेक ठाकुर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का गढ़ माने जाने वाले दुमका और जामताड़ा जिलों की कमान सौंपी गई है। उन्हें इन दो जिलों के छह विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करनी है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को देवघर और गोड्डा जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें इन दोनों जिलों के छह विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करनी है। बिहार के वरिष्ठ विधायक संजीव चौरसिया को भी छह विधानसभा क्षेत्रों का दायित्व दिया गया है।

बता दें कि बीजेपी की रणनीति ‘रोटी, बेटी और माटी’ के नारे के साथ महागठबंधन को घेरने की है। इसके साथ ही पार्टी स्थानीय मुद्दों को भी भुनाने की कोशिश करेगी। गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा चुनाव दो चरणों में संपन्न होंगे। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर को होगा, जबकि दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।

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