
पटना। पटना में सोमवार को राहुल गांधी की वोटर अधिकार रैली में पप्पू यादव को मंच पर जगह नहीं मिली। उन्हें मंच पर चढ़ने से मना कर दिया गया। इसके बाद दर्शकों के बीच कुर्सी पर बैठ गए और भाषण सुनते रहे। राहुल गांधी के भाषण के दौरान ही रैली से चले गए। हालांकि, पिछले दिनों रोहतास में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और पप्पू यादव के एक फ्रेम में आने के बाद ऐसा लगा कि अंतत: पप्पू यादव ने मामला सेट कर लिया। अब कांग्रेस में एंट्री को लेकर तेजस्वी से हरी झंडी मिल जाएगी ।
पप्पू यादव और राहुल गांधी वाले कटआउट से बेली रोड भरा पड़ा था। दल-बल के साथ पप्पू यादव भी रैली वाले मैदान में पहुंचे। वो मंच पर जाने की कोशिश किए तो उनको मंच पर चढ़ने से मना कर दिया गया। थोड़ी देर तक पप्पू यादव मनुहार करते रहे लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद आम आदमी की तरह ग्राउंड में कुर्सी लगाकर बैठ गए। माथे पर हाथ रखे नेताओं की भाषण सुनते रहे। इसके बाद जब राहुल गांधी का भाषण चल ही रहा था कि वो वहां से निकल गए। अब इस बात की चर्चा होने लगी कि आखिर कितनी बार बेइज्जत होंगे पप्पू यादव तेजस्वी यादव की शान में कसीदे पढ़ने के बाद भी पटना के मंच पर जगह नहीं मिली। इससे पहले 9 जुलाई को राहुल गांधी की गाड़ी पर चढ़ने नहीं दिया गया था।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के सामने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का गुणगान काफी महंगा पड़ गया। उस दिन पप्पू यादव ने तेजस्वी यादव के सामने गुणगान करते अति भावुक हो गए। पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने तेजस्वी को जननायक के संबोधन से संबोधित किया। पप्पू यादव ने ये तब कहा, जब राहुल गांधी मौजूद थे। लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने भाषण की शुरूआत ही तेजस्वी यादव की तारीफ से की। उन्होंने कहा कि बिहार की असली उम्मीद और लगातार संघर्ष करने वाले नेता तेजस्वी यादव हैं। पप्पू ने तेजस्वी को जननायक करार दिया और उन्हें बिहार की जनता का असली नेता बताया। बस यहीं चूक कर गए सांसद पप्पू यादव।