नयी दिल्ली: अपने जमाने में दुनिया के कुछ सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों का सामना करने वाले दिग्गज बल्लेबाज और पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर बुधवार को अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं।

आज के युवा क्रिकेट प्रेमियों के लिए गावस्कर जैसे दिग्गज की महानता को सही मायने में समझना बहुत मुश्किल है क्योंकि वे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसी ताबड़तोड़ लीग को देखते हुए बड़े हुए हैं।

पूर्व क्रिकेटर से कमेंटेटर बने महान खिलाड़ी गावस्कर की छवि उनके दिमाग में इतनी विशाल नहीं है। दुनिया के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में से कुछ का सामना करने वाले गावस्कर के लिए समकालीन खिलाड़ियों की नजरों में उनकी महानता जस की तस है जो दायें हाथ के इस महान खिलाड़ी की महानता को बयां करते थकते नहीं।

पूर्व भारतीय बल्लेबाज चंदू बोर्डे ने कहा, ‘‘गावस्कर ने मेरे संन्यास के दो साल बाद अपना पदार्पण किया था। लेकिन (दिवंगत) अजीत वाडेकर ने मुंबई के इस प्रतिभाशाली लड़के के बारे में बताया था जो भारत के लिए काफी रन बना सकता था।

क्या उन्होंने काफी रन नहीं बनाये? ’’ तो गावस्कर ने 1971 में अपनी पहली ही श्रृंखला में वेस्टइंडज के उन खतरनाक गेंदबाजों का सामना किस तरह किया? इस पर बोर्डे ने कहा, ‘‘यह उनकी एकाग्रता और मजबूत तकनीक थी।

मैंने उससे बेहतर स्टांस नहीं देखा और वह गेंद को इतनी बारीकी से देखता था। निश्चित रूप से वह ज्यादातर शॉट्स खेल सकता था लेकिन उसने इनका समझदारी से इस्तेमाल किया। वह बहुत ही व्यावहारिक बल्लेबाज था, वह जानता था कि कब क्या करना है। ’’

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