London : अमेरिका और ब्रिटेन ने शुक्रवार को सुबह यमन पर हमला शुरू कर दिया है. यमन की राजधानी सना और उसके प्रमुख शहर होदेइदाह इस बमबारी के शिकार बने.

हूथी विद्रोहियों के प्रवक्ता अब्दुलसलाम जाफ ने इस हमले की निंदा है.

इस हमले के बारे में वाशिंगटन और लंदन ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है. हालांकि, कई ब्रिटिश और अमेरिकी आउटलेट्स से जो संकेत मिले हैं, उसके अनुसार व्हाइट हाउस और 10 डाउनिंग स्ट्रीट के अंदर गुमनाम स्रोतों का हवाला देते हुए गुरुवार की शाम को यमन पर हमले की हमला आशंका जतायी गयी थी.

अभी इस खबर को हूथियों का दुष्प्रचार भर मान कर नहीं चला जा सकता. इसका कारण यह है कि हाल के दिनों में लाल सागर में जो उत्पात मचा रखा है, उसमें यह अनपेक्षित भी नहीं है.

यमन हूथियों का गढ़ है. यमन की व्यवस्था इतनी खस्ताहाल है कि वहां कोई भी नियामक मैकेनिज्म काम नहीं करता. यह पहली बार है कि मध्य पूर्व में संघर्ष के इतने मोर्चे खुल गये हैं कि अब गाज़ा समर्थकों की ओर किसी रणनीतिक और कारगर हमले की सम्भावना घटती जा रही है.

इनकी कठिनाई यह है कि सामूहिक नेतृत्व गाज़ा करे, मुस्लिम ब्रदरहुड करे, हिज़्बुल्लाह करे या हूथी विद्रोही.

हूथियों के प्रवक्ता जाफ ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ” अब अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल होदेइदाह, सना, धमार और साडा पर बमबारी कर रहे हैं.” “हम उन्हें अनुशासित करेंगे, अल्लाह की इच्छा है. ”यमन की पुलिस ने बताया कि सना में कम से कम तीन विस्फोट हुए थे.

हूथियों को आधिकारिक तौर पर अंसार अल्लाह (‘ईश्वर के समर्थक’) के रूप में जाना जाता है. हूथियों ने अक्टूबर के अंत में गाजा के साथ एकजुटता की घोषणा की थी. तब से उन्होंने लाल सागर में विभिन्न शिपिंग पोतों पर 20 से अधिक हमले किए हैं, जो स्वेज नहर के माध्यम से यूरोप और एशिया को जोड़ने वाला एक प्रमुख व्यापार मार्ग है.

इसमें भारत पर भी हमला शामिल है. प्रमुख शिपिंग कंपनियों को अब अफ्रीका से हो कर एक लम्बा मार्ग तय करना पड़ रहा है जिससे खर्च करीब दूना हो गया है.

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