मुंबई : कहानी शुरू होती है 1950 के दशक के सुपरस्टार भारत भूषण से। जब उनके अच्छे दिन थे तब उनकी बेकार फ़िल्में भी हिट हो जाया करती थीं।इस दौर में उन्होंने बैजू बावरा’, ‘मिर्ज़ा ग़ालिब’, ‘गेटवे ऑफ़ इंडिया’ और ‘बरसात की रात’ जैसी हिट फिल्में दीं। पर इस अभिशप्त बंगले ने उनके कैरियर में राहुकाल लगा दिया और आखरी वक़्त में वो सड़क पर आ गए।
फिर ये बंगला उन्होंने जुबली कुमार यानि राजेन्द्र कुमार को मात्र 50,000 में बेंच दिया फिर उनकी किस्मत के भी लग गए और उनकी फिल्में फ्लॉप होना शुरू हुआ, बेटे का करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया।
आखिर में ये बंगला बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना ने लिया और इसका नाम भी ‘आशिर्वाद’ रख दिया परंतु इससे कुछ खास नहीं बदला। उल्टे उनके लिए ये घर पनौती साबित हुआ और उनकी फिल्में फ्लॉप होना शुरू हो गया, डिम्पल कपाड़िया ने बंगला छोड़ दिया।