
पटना। वक्फ संशोधन बिल पर गुरुवार देर रात राज्यसभा की मुहर भी लग गई। 12 घंटों की लंबी चर्चा के बाद बिल पास हो गया। बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े। जदयू ने इस बिल का समर्थन करने से पहले भाजपा नेताओं के साथ बातचीत की। इस बात की जानकारी खुद जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा ने दी। उन्होंने बिल पर चर्चा करते हुए सदन में बताया कि नीतीश कुमार के मन में इस बिल को लेकर क्या आशंकाएं थी, जिसे भाजपा ने दूर कर दिया।
जदयू नेता ने कहा कि पार्टी को इस्लामिक धार्मिक स्थलों, दरगाहों और अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थानों में हस्तक्षेप को लेकर चिंता थी। उन्होंने बताया कि मुस्लिम समाज और धार्मिक संस्थाओं के कई लोगों ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। उन्होंने अपनी-अपनी चिंताएं सीएम नीतीश से साझा की। उस बैठक में मैं खुद मौजूद था। उन्होंने बताया कि क्या प्रभाव पड़ेगा और क्या वह खतरे में आ जाएंगे।
इसके बाद जेडीयू ने उनकी लोगों की बातों को जेपीसी के सदस्यों के सामने रखा। केंद्र सरकार ने तमाम चिंताओं का समाधान करते हुए बिल को संसद में पेश किया। बता दें कि बिल को लोकसभा में पेश करने से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने जेडीयू नेताओं, ललन सिंह और संजय झा से मुलाकात की थी।
संजय झा ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने बिल को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर किया कि मस्जिद, ईदगाह या कब्रिस्तान पर कोई खतरा नहीं है।
संजय झा ने कहा कि बिहार सरकार ने पिछले 19 साल में हजारों कब्रिस्तान की घेराबंदी की है। यह स्पष्ट हो गया कि फैलाई जा रही कन्फ्यूजन गलत थी। बिल लागू होने के बाद पुरानी स्थिति बरकरार रहेगी। बिहार अकेला राज्य है जिसने जातीय गणना की है। गणना में 73 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान पाए गए हैं। हमारे पास वैज्ञानिक उत्तर है और लेटेस्ट सर्वे है।