
अयोध्या। रामनवमी पर राम जन्म भूमि में सौर संरेखण और भारतीय खगोलशास्त्र के सटीक ज्ञान के उपयोग से रविवार को ठीक दोपहर 12 बजे श्रीरामलला का राजतिलक (सूर्य तिलक) सूर्य किरणों से किया गया।





भगवान के जन्म होते ही भगवान के ललाट पर करीब 4 मिनट तक सूर्य की किरणें ने सुशोभित किया। इस अवसर पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महामंत्री चंपत राय, ट्रस्टी डा अनिल मिश्र, व्यवस्था प्रबंधक गोपाल सहित मंदिर के सभी पुजारी उपस्थित रहे।
राम नवमी पर अयोध्या के प्रमुख स्थानों पर श्रीराम जन्मोत्सव का लाइव प्रसारण सूचना विभाग द्वारा स्थापित फिक्स एलईडी व विभिन्न स्थानों पर एलईडी डिस्प्ले बोर्ड आदि के माध्यम से दूरदर्शन द्वारा जारी किये गये लाइव लिंक के अनुसार किया गया। जिसे अयोध्या में आने वाले श्रद्वालु श्रीराम जन्मोत्सव को देख कर आह्लादित हो रहे हैं।आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। जल पुलिस और आपदा प्रबंधन टीमों की तैनाती से सरयू नदी के आसपास सुरक्षा सुनिश्चित की गई हैं। सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन कैमरा आदि से अयोध्या की निगरानी की जा रही है। अयोध्या को सेक्टर- जोन के माध्यम से बाटा गया है, इसके अलावा,भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष ट्रैफिक प्लान लागू किया गया है। इसके अलावा डायवर्जन हनुमानगढ़ी, राम जन्मभूमि, कनक भवन और वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था से श्रद्धालुओं को असुविधा से बचाया जा रहा हैं।
पुराने जाने पहचाने रास्ते से विचरण करती भगवान भास्कर की तेजोमय रश्मियां घड़ी की सभी सुइयों के इकट्ठे होते ही जैसे ही बालक श्रीराम लला के ललाट पर प्रतिष्ठित हुईं प्रभु के समक्ष उपस्थित श्रद्धालुगण प्रसन्नता से झूम उठे। गगनभेदी जयकारों ने अयोध्या समेत पूरे विश्व को गुंजायमान कर दिया। जो अयोध्या नहीं पहुंच सके उन सबने अपने स्थान पर ही श्री रामलला के महामस्तकाभिषेक का सीधा प्रसारण देखा।
श्रीराम लला के ललाट तक सूर्य देवता का आशीर्वाद पहुंचाने की व्यवस्था के लिए कल ही अंतिम ट्रायल कर लिया गया था। एक बार यह काम किया जा चुका था इसलिए अबकी बार इसमें अधिक जटिलताएं नहीं आईं। तथापि ऊपरी तलों पर निरन्तर निर्माण कार्य के चलते समस्याएं तो थीं ही। धनिया से बने प्रसाद के साथ ही इस बार फलाहारी लड्डुओं का भी प्रसाद है ।