मुंबई । भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में बड़े नुकसान के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा बिकवाली देखने को मिली। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,769 अंक या 2.10 प्रतिशत गिरकर 82,497 और निफ्टी 546 अंक या 2.12 प्रतिशत गिरकर 25,250 पर बंद हुआ।
बाजार में गिरावट की वजह सेबी की ओर से फ्यूचर्स और आॅप्शन (एफएंडओ) सेगमेंट के नियमों में किए गए बदलाव और मध्य-पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच तनाव को माना जा रहा है।

कारोबारी सत्र में बाजार का रुझान नकारात्मक था। 2,864 शेयर लाल निशान और 1,120 शेयर हरे निशान और 92 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए। गिरावट के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार मूल्यांकन करीब 10 लाख करोड़ रुपये कम होकर 465 लाख करोड़ रुपये रह गया।

छोटे और मझोले शेयरों में भी गिरावट का असर देखा गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,333 अंक या 2.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,024 और निफ्टी स्मॉलकैप 378 अंक या 1.96 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,952 पर बंद हुआ।

बाजार में उतार-चढ़ाव दशार्ने वाले इंडिया विक्स 9.84 प्रतिशत बढ़कर 13.17 पर बंद हुआ। करीब सभी एनएसई इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। आॅटो, फिन सर्विस, आईटी, एफएमसीजी, रियल्टी, एनर्जी, प्राइवेट बैंक और इन्फ्रा सबसे ज्यादा गिरने वाले इंडेक्स थे।

सेंसेक्स पैक में एलएंडटी, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स, रिलायंस, मारुति सुजुकी, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, विप्रो, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फिनसर्व, टाइटन, एचडीएफसी बैंक, एचसीएल टेक और पावर ग्रिड टॉप लूजर्स थे। केवल जेएसडब्ल्यू स्टील ही हरे निशान में बंद हुआ।

जानकारों का कहना है कि भारतीय बाजारों के गिरने की वजह ईरान की ओर से इजरायल पर मिसाइल के हमला करना है। इससे मध्य पूर्व में संघर्ष बढ़ने की उम्मीद है, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है। इसके अलावा सेबी की एफएंडओ को लेकर जारी नए नियमों ने बाजार में गिरावट को बढ़ाने का काम किया है।

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