रांची । झारखंड चेंबर की रिन्युबल एनर्जी उप समिति की बैठक चेंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी की अध्यक्षता में चेंबर भवन में मंगलवार को हुई। बैठक में सोलर एपजी का उपयोग और इसे लगाने से होनेवाले फायदे को किस प्रकार लोगों तक पहुंचायी जा सके इस पर चर्चा की गई। मौके पर चेंबर अध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा समय में सोलर एनर्जी का उपयोग हर उपकरण में किया जा रहा है। झारखंड के लोगों खासकर व्यापारी वर्ग को सोलर से जुड़े फायदे के बारे में पता नहीं है। पीएम सूर्य घर योजना और ऐसी कई योजनाएं हैं जिसके तहत सरकार सब्सिडी उपलब्ध कराती है, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इसका फायदा नहीं उठा पाते हैं। सबसे पहले लोगों को ऐसे सभी योजनाओं की जानकारी देने की जरूरत है।

राज्‍य में नेट मीटरिंग की बिलिंग सही नहीं

चेंबर अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार को सोलर उपकरण और इससे जुडी योजनाओं पर सब्सिडी देनी चाहिए। ताकि ज्यादा से ज्यादा उद्योग इससे लाभान्वित हो सकें। यह भी कहा गया कि भवनों की डिजाईन सोलर के अनुरूप हो ताकि भविष्य में लोगों को सोलर लगाने में परेशानी न हो।

उन्होंने बिजली बिल के बारे में कहा कि राज्य में नेट मीटरिंग का बिलिंग सही नहीं है। सोलर में खपत और उत्पादन को अलग कर झारखंड में बिल नहीं बन रहा है। इससे राज्य के उपभोक्ताओं को सही तरीके से जानकारी नहीं मिल पा रही है। अन्य राज्यों की तरह यहां भी बिजली विभाग को स्पष्ट बिल देना चाहिए। इस मुद्दे पर विभाग से मिलकर इसपर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। उप समिति चेयरमैन ने कहा कि बिजली विभाग के सबस्टेशन में सोलर की नेट मीटरिंग और अन्य प्रक्रियाओं की पूरी जानकारी एसडीओ या जेई को नहीं है। इससे नेट मीटरिंग के लिए उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। उर्जा विभाग को राज्य स्तर पर प्रक्रिया की पूरी ट्रेनिंग इन अधिकारियों को देनी चाहिए। बैठक में चेंबर के महासचिव आदित्य मल्होत्रा, सह सचिव विकास विजयवर्गीय, उप समिति चेयरमैन राजेश सिंह, सदस्य कुमार मनीष, विवेक सिंह, सुनील कुमार, जेके सिंह, अलोक सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।

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