कोलकाता । पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून को लेकर मुर्शिदाबाद में हिंसा के मद्देनजर कलकत्ता हाईकोर्ट सेंट्रल फोर्स तैनाती का आदेश दिया । भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की याचिका की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश सौमेन सेन ने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए केंद्रीय बल पुलिस के साथ मिलकर काम करेंगे. उन्होंने टिप्पणी की जब ऐसे आरोप सामने आते हैं तो अदालत आंखें मूंद नहीं सकती । असली अपराधियों की पहचान के लिए सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

इस मामले की सुनवाई शनिवार को न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की विशेष खंडपीठ द्वारा की गई. उच्च न्यायालय ने मामले में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है। शुभेंदु ने राज्य के चार जिलों के कुछ हिस्सों में केंद्रीय बलों की तैनाती का अनुरोध किया. राज्य के वकील ने शुरू में आपत्ति जताई । राज्य ने उच्च न्यायालय को बताया कि पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार पहले ही मुर्शिदाबाद के लिए रवाना हो चुके हैं । सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से भी मदद मांगी जा रही है ।

तीन की मौत, 100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार
मुर्शिदाबाद जिले में हुई झड़पों में कम से कम तीन लोग मारे गए और हिंसा के सिलसिले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने सामान्य स्थिति बहाल करने में सहायता के लिए मुर्शिदाबाद के प्रभावित क्षेत्रों में सीएपीएफ की तैनाती का आदेश दिया है।

केंद्र-राज्य से रिपोर्ट तलब, 17 अप्रैल को अगली सुनवाई
जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय बल राज्य प्रशासन के साथ समन्वय में काम करेंगे। वहीं अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार और केंद्र दोनों को स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया। जबकि इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 अप्रैल की तारीख तय की है।

पीठ ने शनिवार को अवकाश के दिन की सुनवाई
मामले में मुख्य न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की विशेष पीठ गठित की थी। वहीं राज्य के वकील ने अदालत को बताया कि मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित सूती, धुलियान और समसेरगंज इलाकों में बीएसएफ की सात कंपनियां तैनात की गई हैं। हालांकि, इस मामले में शुभेंदु अधिकारी के वकील ने आरोप लगाया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ कर्मियों को ठीक से तैनात नहीं किया जा रहा है। जिसके बाद पीठ ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शनिवार को अवकाश के दिन याचिका पर सुनवाई की।

कोर्ट ने राज्य सरकार को दिया था समय
इस मामले में आज जब सुनवाई शुरू हुई तो कोर्ट ने राज्य सरकार को आधे घंटे का समय दिया। केंद्रीय बलों की तैनाती पर उनकी राय मांगी गई। राज्य ने कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती की कोई जरूरत नहीं है। राज्य ने कहा कि राज्य के डीजी राजीव कुमार खुद मुर्शिदाबाद के लिए रवाना हो गए हैं। लेकिन कोर्ट ने आखिरकार केंद्रीय बलों की तैनाती के पक्ष में फैसला सुनाया।

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