
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि जब तक सभी नक्सली आत्मसमर्पण न कर दें, पकड़े न जाएं या समाप्त न हो जाएं, तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2026 तक देश को नक्सलमुक्त बनाना मोदी सरकार का संकल्प है।
अमित शाह ने नई दिल्ली में अपने आवास पर छत्तीसगढ़ के बस्तर स्थित कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और कोबरा बल के जवानों से भेंट की और उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि कर्रेगुट्टालु की दुर्गम पहाड़ियों पर लगातार 19 दिनों तक चले सबसे बड़े नक्सल-विरोधी अभियान में बिना हताहत हुए 30 से अधिक नक्सलियों को मार कर वीर जवानों ने ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की। नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में हमारे सुरक्षाबलों की बहादुरी स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाएगी।
शाह ने वीर जवानों को बधाई देते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा। उन्होंने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों, भीषण गर्मी और हर कदम पर आईईडी के खतरों के बावजूद सुरक्षाबलों ने पराक्रम दिखाकर नक्सलियों का बेस कैंप और उनकी सप्लाई चेन नष्ट की है।
गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार का लक्ष्य देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करना है। उन्होंने कहा, “जब तक सभी नक्सली आत्मसमर्पण न कर दें, पकड़े न जाएं या समाप्त न हो जाएं, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। 31 मार्च, 2026 तक भारत को नक्सलमुक्त बना दिया जाएगा।”
शाह ने कहा कि नक्सलियों ने दशकों तक देश के पिछड़े इलाकों को विकास से वंचित रखा, स्कूल और अस्पताल बंद कर दिए तथा सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचने से रोका। लेकिन अब नक्सल विरोधी अभियानों के परिणामस्वरूप पशुपतिनाथ से लेकर तिरुपति तक के क्षेत्र में साढ़े छह करोड़ लोगों के जीवन में नया सूर्योदय हुआ है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि नक्सलविरोधी अभियानों में गंभीर शारीरिक क्षति झेलने वाले सुरक्षाबल जवानों और उनके परिवारों के जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए मोदी सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है।