नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत के बड़े लक्ष्यों को हासिल करना देश के हर नागरिक का कर्तव्य बताते हुए देश के युवाओं का आह्वान किया है कि वे आराम वाली जिन्दगी से बाहर निकल कर जोखिम लें और खुद के साथ देश को भी सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाकर कर इतिहास के सबसे बड़े परिवर्तन केे उत्प्रेरक एवं लाभार्थी बनें।
श्री मोदी ने राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को भारत मंडपम में विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025 को संबोधित करते हुए यह आह्वान किया। उन्होंने देश भर से आये तीन हज़ार प्रतिभावान युवाओं से संवाद करते हुए उनको अर्थव्यवस्था के बढ़ने के साथ ही पैदा होने वाले कई अवसरों के बारे में प्रोत्साहित किया और कहा कि उनकी पीढ़ी न केवल देश के इतिहास में सबसे बड़ा परिवर्तन लाएगी, बल्कि वे इसके सबसे बड़े लाभार्थी भी होंगे। प्रधानमंत्री ने युवाओं को सलाह दी कि वे कम्फर्ट जोन से बचें, जोखिम उठाएं और अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें, जैसा कि यंग लीडर्स डायलॉग के प्रतिभागियों ने प्रदर्शित किया। उन्होंने कहा कि जीवन का यह मंत्र उन्हें सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत के युवाओं की जीवंत ऊर्जा पर प्रकाश डाला और कहा कि पूरा देश स्वामी विवेकानंद को याद कर रहा है और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है, जिन्हें देश के युवाओं पर बहुत भरोसा था। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का मानना था कि उनके शिष्य युवा पीढ़ी से आएंगे, जो शेरों की तरह हर समस्या का समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें स्वामी जी और उनकी मान्यताओं पर पूरा भरोसा है, जैसे स्वामी जी को युवाओं पर भरोसा था। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें स्वामी जी पर पूरा भरोसा है, खासकर युवाओं के बारे में उनके दृष्टिकोण पर। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यदि स्वामी विवेकानंद आज हमारे बीच होते, तो 21वीं सदी के युवाओं की जागृत शक्ति और सक्रिय प्रयासों को देखकर उनमें नया आत्मविश्वास भर जाता।
भारत मंडपम में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन को याद करते हुए श्री मोदी ने कहा कि डेढ़ वर्ष पहले जहां विश्व के नेता दुनिया के भविष्य पर चर्चा करने के लिए एक ही स्थान पर थे, जबकि आज वहीं पर भारत के युवा भारत के अगले 25 वर्षों के लिए रोडमैप तैयार कर रहे हैं।
कुछ महीने पहले अपने आवास पर युवा एथलीटों से मिलने के बारे में एक किस्सा साझा करते हुए, उन्होंने बताया कि एक एथलीट ने कहा था, “दुनिया के लिए, आप प्रधानमंत्री हो सकते हैं, लेकिन हमारे लिए, आप परम मित्र हैं।” प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं के साथ अपनी दोस्ती के बंधन पर जोर देते हुए कहा कि दोस्ती की सबसे मजबूत कड़ी विश्वास है। उन्होंने युवाओं पर अपना असीम विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के युवाओं की क्षमता जल्द ही भारत को एक विकसित राष्ट्र बना देगी। उन्होंने स्वीकार किया कि लक्ष्य महत्वपूर्ण होने के बावजूद असंभव नहीं है, उन्होंने विरोधियों के विचारों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रगति के पहिये को चलाने वाले लाखों युवाओं के सामूहिक प्रयासों से राष्ट्र निस्संदेह अपने लक्ष्य तक पहुँच जाएगा।
श्री मोदी ने कहा, “इतिहास हमें सिखाता है और प्रेरित करता है।” उन्होंने कुछ वैश्विक उदाहरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि अमेरिका में 1930 के दशक के आर्थिक संकट के दौरान अमेरिकियों ने न्यू डील को चुना और न केवल संकट पर काबू पाया बल्कि अपने विकास को भी गति दी। उन्होंने सिंगापुर का भी उल्लेख किया, जिसने बुनियादी जीवन संकटों का सामना किया, लेकिन अनुशासन और सामूहिक प्रयास के माध्यम से वैश्विक वित्तीय और व्यापार केंद्र में तब्दील हो गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास ऐसे ही उदाहरण हैं, जैसे स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता के बाद खाद्य संकट पर काबू पाना। उन्होंने जोर देकर कहा कि बड़े लक्ष्य निर्धारित करना और उन्हें समय सीमा के भीतर हासिल करना असंभव नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्पष्ट लक्ष्य के बिना कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है और आज का भारत इसी मानसिकता के साथ काम कर रहा है।
पिछले दशक में दृढ़ संकल्प के माध्यम से लक्ष्यों को प्राप्त करने के कई उदाहरणों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने खुले में शौच से मुक्त होने का संकल्प लिया और 60 महीनों के भीतर 60 करोड़ नागरिकों ने यह लक्ष्य हासिल कर लिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में अब लगभग हर परिवार के पास बैंकिंग सेवाओं तक पहुँच है और महिलाओं की रसोई को धुएं से मुक्त करने के लिए 10 करोड़ से अधिक गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, जब दुनिया टीकों के लिए संघर्ष कर रही थी, भारतीय वैज्ञानिकों ने समय से पहले एक टीका विकसित किया। उन्होंने कहा कि इस पूर्वानुमान के बावजूद कि भारत में सभी को टीका लगाने में 3-4 साल लगेंगे, देश ने रिकॉर्ड समय में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया। प्रधानमंत्री ने हरित ऊर्जा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत पेरिस समझौते की प्रतिबद्धताओं को निर्धारित समय से नौ साल पहले पूरा करने वाला पहला देश था। उन्होंने 2030 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य का भी उल्लेख किया, जिसे भारत समय सीमा से काफी पहले हासिल करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इनमें से प्रत्येक सफलता प्रेरणा का स्रोत है और भारत को विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य के करीब लाती है।
श्री मोदी ने कहा, “बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करना केवल सरकारी मशीनरी की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसके लिए प्रत्येक नागरिक के सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।” उन्होंने राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने में विचार-विमर्श, दिशा और स्वामित्व के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत युवा नेता संवाद इस प्रक्रिया का उदाहरण है, जिसका नेतृत्व युवाओं ने क्विज़, निबंध प्रतियोगिताओं और प्रस्तुतियों में किया। उन्होंने विकसित भारत के लक्ष्य के प्रति युवाओं के स्वामित्व की सराहना की, जैसा कि लॉन्च की गई निबंध पुस्तक और उनके द्वारा समीक्षा की गई दस प्रस्तुतियों में परिलक्षित होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं के समाधान वास्तविकता और अनुभव पर आधारित हैं, जो देश के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में उनकी व्यापक समझ को प्रदर्शित करते हैं। उन्होंने विशेषज्ञों, मंत्रियों और नीति निर्माताओं के साथ चर्चा में उनकी व्यापक सोच और सक्रिय भागीदारी के लिए युवाओं की सराहना की। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि युवा नेता संवाद के विचार और सुझाव अब राष्ट्रीय नीतियों का हिस्सा बनेंगे, जो देश के विकास का मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने युवाओं को बधाई दी और एक लाख नए युवाओं को राजनीति में लाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, उन्हें अपने सुझावों को लागू करने में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए और इसकी आर्थिक, सामरिक, सामाजिक और सांस्कृतिक ताकत पर जोर दिया और कहा कि विकसित भारत में अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी दोनों ही समृद्ध होंगे जिससे अच्छी शिक्षा और आय के कई अवसर मिलेंगे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कुशल युवा कार्यबल होगा, जो उनके सपनों के लिए खुला आसमान प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर निर्णय, कदम और नीति को विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ संरेखित करने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह भारत के लिए एक बड़ी छलांग का क्षण है, क्योंकि देश आने वाले दशकों तक सबसे युवा राष्ट्र बना रहेगा।