
जमशेदपुर। टेल्को स्थित टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट के कर्मचारियों के लिए इस साल का बोनस समझौता एक बड़ी सौगात लेकर आया है। कंपनी प्रबंधन और टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के बीच शनिवार को बोनस और कर्मचारियों के स्थायीकरण को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ। इस ऐतिहासिक समझौते पर टाटा मोटर्स के प्लांट हेड सुनील तिवारी, यूनियन के अध्यक्ष शशिभूषण सिंह, महासचिव आरके सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए।



समझौते के मुताबिक इस बार कर्मचारियों को 12.30 प्रतिशत बोनस मिलेगा, जो कि बीते कई वर्षों की तुलना में सबसे अधिक है। बोनस की अधिकतम राशि 75,252 रुपए तय की गई है, जबकि औसतन एक कर्मचारी को 50,162 रुपए की राशि प्राप्त होगी। यह बोनस कंपनी के स्थायी कर्मचारियों और पात्र अस्थायी कर्मचारियों को दिया जाएगा और वेतन के साथ सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया जाएगा। इस बात पर भी सहमति बनी है कि बोनस की संपूर्ण राशि का वितरण एक सप्ताह के भीतर कर दिया जाएगा।
बोनस के साथ-साथ इस बार स्थायीकरण को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया है। समझौते में यह तय किया गया है कि आगामी तीन महीनों के भीतर कुल 373 कर्मचारियों को स्थायी किया जाएगा, जिनमें 225 बाई सिक्स कर्मचारी और 148 टीएमएसटी या अप्रेंटिस पास अस्थायी कर्मी शामिल हैं। यह निर्णय जनवरी 2024 में रांची में श्रमायुक्त संजीव कुमार बेसरा और उप श्रमायुक्त राकेश प्रसाद की उपस्थिति में हुए त्रिपक्षीय समझौते का हिस्सा है। इसके तहत अगले तीन वर्षों में कुल 2700 बाई सिक्स कर्मचारियों को स्थायी करने पर सहमति बनी थी। अब उसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए स्थायीकरण की दिशा में ठोस कदम उठाया जा रहा है। इस वर्ष के बोनस को यदि पिछले वर्षों से तुलना की जाए, तो यह समझौता कर्मचारियों के लिए अब तक का सबसे लाभदायक है। उदाहरणस्वरूप, पिछले साल 2022-23 में कर्मचारियों को 10 प्रतिशत बोनस मिला था, जिसकी अधिकतम राशि 57 हजार 900 रुपए थी। वहीं इस बार न सिर्फ प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि अधिकतम और औसत राशि दोनों में बड़ा इजाफा देखने को मिला है, जो कर्मचारियों की मेहनत और योगदान को उचित मान्यता देने का संकेत है। बोनस समझौते के बाद यूनियन कार्यालय में अध्यक्ष शशिभूषण सिंह और महासचिव आरके सिंह का भव्य स्वागत किया गया। यूनियन के इस प्रयास की चारों ओर प्रशंसा हो रही है और कर्मचारियों के बीच खुशी और संतोष का माहौल है।