
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि रांची इंस्टीट्यूट आॅफ न्यूरो साइकेट्री एंड एलाइड साइंस (रिनपास) में जल्द कई बदलाव देखने को मिलेंगे। रिनपास में आधारभूत संरचना तथा शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा। यहां जो भी कमियां होगी, उसकी विस्तृत समीक्षा कर उसे दूर किया जाएगा। यहां मानसिक मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिले, उनका अत्याधुनिक तरीके से इलाज की समुचित व्यवस्था हो, इस दिशा में राज्य सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी।



सोरेन गुरुवार को रिनपास के 100 वर्ष पूरा होने के अवसर पर आयोजित शताब्दी वर्ष समारोह के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सेवा, समर्पण और विश्वास के गौरवशाली सौ वर्ष पूरे होने पर रिनपास से जुड़े सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के समय रिनपास जैसे संस्थानों की भूमिका तेजी से बढ़ रही है। जिस तरह लोग मानसिक अवसाद की गिरफ्त में आ रहे हैं। वैसे में उन्हें बेहतर काउंसलिंग और इलाज की सुविधा उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है। हालांकि , कोई भी व्यक्ति यह नहीं चाहता कि उसे रिनपास जैसे संस्थान में आने की नौबत आए, लेकिन मानसिक परेशानी, मजबूरी और परिस्थिति कई लोगों को यहां तक आने को मजबूर करती है। ऐसे में यहां आने वाले मनोरोगी पूरी तरह स्वस्थ होकर जाएं, इसके लिए यहां इलाज की बेहतर से बेहतर व्यवस्था व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों के इलाज में अत्याधुनिक तकनीकों के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की दिशा में हमें आगे बढ़ना होगा। रिनपास में मरीजों की मानसिक समस्याओं के समाधान के लिए जो भी डिजिटल चिकित्सा तकनीक की जरूरत होगी, उसे उपलब्ध कराया जाएगा । मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता जताई कि कई परिजन अपने मरीज को यहां छोड़ कर चले जाते हैं और फिर उन्हें कभी लेने भी नहीं आते हैं। वहीं, कई बार घरों में ही मनोरोगी को अलग-अलग तरीके से कैद कर रखा जाता है, जो हमारे परिवार और समाज के लिए अच्छा नहीं है। ऐसी परिस्थिति में मानसिक मरीजों की मन:स्थिति कैसी होती होगी, उसकी कल्पना हम नहीं कर सकते हैं। ऐसे में मानसिक समस्या से ग्रसित मरीजों तक सहजता और सरलता के साथ हमारी व्यवस्थाएं पहुंचे, इसके लिए गंभीरता से पहल करने की जरूरत है।
रिनपास की स्थापना जिन्होंने की होगी, वे काफी दूरदर्शी होंगे : मुख्यमंत्री ने कहा कि 1925 में जब मनोचिकित्सा के क्षेत्र में इस संस्थान की स्थापना हुई थी, उस वक़्त इसकी क्या जरूरत रही होगी, यह हम तो नहीं बता सकते हैं, लेकिन आज जिस तरह ऐसे संस्थान की अहमियत बढ़ चुकी है, वह बताने के लिए काफी है कि जिन्होंने भी आज से सौ वर्ष पहले रिनपास की नींव रखी होगी, वे कितने दूरदर्शी रहे होंगे। यह संस्थान पिछले 100 वर्षों से लोगों की सेवा में समर्पित है । यह सेवा भाव अनवरत जारी रहे, इसे और भी बेहतर बनाएंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी, विधायक राजेश कच्छप, विधायक सुरेश कुमार बैठा, झारखंड राज्य समन्वय समिति के सदस्य राजेश ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (एनआईएमएचएएनएस), बेंगलुरु की निदेशक डॉ प्रतिमा मूर्ति, चीफ पोस्ट मास्टर जेनरल, झारखंड परिमंडल विधान चंद्र रॉय, रिनपास के निदेशक डॉ अमूल रंजन सिंह सहित कई गणमान्य मौजूद थे।