
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाएं लंबित हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने ‘यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट इंपावरमेंट एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट नियम 2025’ को नोटिफाई किया है। ये नियम वक्फ संपत्तियों के पोर्टल और डेटाबेस से संबंधित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। नए नियमों के अनुसार, सभी राज्यों की वक्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत पोर्टल और डेटाबेस बनाया जाएगा। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में वक्फ विभाग के प्रभारी संयुक्त सचिव इसकी निगरानी करेंगे।



नए नियमों के अनुसार, वक्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए एक पोर्टल बनेगा। इस पोर्टल को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का एक संयुक्त सचिव देखेगा। पोर्टल हर वक्फ और उसकी संपत्ति को एक खास नंबर देगा। सभी राज्यों को एक संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाना होगा। उन्हें केंद्र सरकार के साथ मिलकर एक सपोर्ट यूनिट बनानी होगी। इससे वक्फ और उसकी संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन, हिसाब-किताब, ऑडिट और अन्य काम आसानी से हो सकेंगे।
विधवा-तलाकशुदा महिला को गुजारा भत्ता : ये नियम 1995 के अधिनियम की धारा 108B के तहत बनाए गए हैं। यह धारा वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के अनुसार जोड़ी गई थी। अधिनियम 8 अप्रैल, 2025 से लागू हो गया है। नियमों में विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों को गुजारा भत्ता देने के प्रावधान भी हैं।
मुतवल्ली को पोर्टल पर करना होगा रजिस्ट्रेशन : नए नियमों में कहा गया है कि ‘मुतवल्ली’ को अपने मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी से पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह रजिस्ट्रेशन वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) से होगा। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद ही ‘मुतवल्ली’ वक्फ को समर्पित अपनी संपत्ति का विवरण दे सकता है। बता दें कि मुतवल्ली का अर्थ होता है एक ऐसा व्यक्ति, जिसे वक्फ संपत्ति का मैनेजमेंट देखने के लिए नियुक्त किया गया है।
एक साल के अंदर पूरी करनी होगी जांच
नियमों के अनुसार, किसी संपत्ति को गलत तरीके से वक्फ घोषित करने की जांच जिला कलेक्टर से संदर्भ मिलने के एक साल के भीतर पूरी होनी चाहिए। ‘मुतवल्ली’ को पोर्टल पर रजिस्टर करना अनिवार्य है, उसे अपने मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी का उपयोग करके ओटीपी के माध्यम से प्रमाणित करना होगा। इसके बाद ही वह वक्फ संपत्ति का विवरण दे सकता है।