
नई दिल्ली । लोन लेने वालों के लिए अच्छी खबर है। आरबीआई ने रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती कर दी है। केंद्रीय बैंक ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की है। इससे पहले फरवरी और अप्रैल में रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती की गई थी। आज की कटौती के साथ अब रेपो रेट 5.5 फीसदी रह गया है। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों को लोन देता है। इसके कम होने से आपके होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की ईएमआई कम हो जाती है। इससे लोगों के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे और अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।



आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में रेपो रेट में कटौती का फैसला लिया गया। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक स्थिति नाजुक, विभिन्न देशों में आर्थिक परिदृश्य कमजोर बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर कमजोर आर्थिक परिदृश्य के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 प्रतिशत घटाकर 5.50 प्रतिशत किया
आरबीआई इस साल रेपो रेट में लगातार 3 बार कटौती कर चुका है। आरबीआई ने इससे पहले 7 फरवरी को रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर इसे 6.50 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था। इसके बाद, रिजर्व बैंक ने 9 अप्रैल को भी रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी, जिससे रेपो रेट 6.25 प्रतिशत से घटकर 6.00 प्रतिशत हो गया था।
5 साल के बाद फरवरी 2025 में हुई थी रेपो रेट में कटौती : बताते चलें कि फरवरी 2025 में करीब 5 साल के लंबे अंतराल में पहली बार रेपो रेट घटाया गया था। फरवरी 2025 से पहले आरबीआई ने मई 2020 में रेपो रेट में कटौती की थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने उस समय कोविड के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत (40 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती की थी। आरबीआई ने जून 2023 में रेपो रेट बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। जून 2023 के बाद फरवरी 2025 में पहली बार रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव हुआ था।
आरबीआई के इस फैसले से देश के करोड़ों आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। रेपो रेट घटाए जाने से अब उन्हें तुलनात्मक रूप से सस्ती ब्याज दरों पर होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन मिलेंगे। लोन सस्ता होने से लोगों की ईएमआई भी घट जाएंगी और वे अब ज्यादा बचत कर पाएंगे। इतना ही नहीं, आम लोग ईएमआई में होने वाली बचत से अपनी दूसरी जरूरतें पूरी कर सकेंगे या अन्य चीजों के लिए ज्यादा खर्च कर पाएंगे। बताते चलें कि मांग और खपत बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।