
हापुड़। रांची की साइबर थाना की पुलिस ने हापुड़ में छापेमारी कर साइबर ठगी में शामिल दवा कारोबारी आसिफ को गिरफ्तार किया है। आरोपित कई राज्यों के साइबर गैंग से जुड़ा हुआ है। उसके खाते में पिछले महीने साइबर ठगी के 1.14 करोड़ रुपये आए थे। रांची पुलिस ने आरोपित को रिमांड मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश किया। जहां से रिमांड मिलने के बाद पुलिस आरोपित को लेकर रांची के लिए निकल गई।रांची पुलिस का कहना है कि जमशेदपुर के मानगो में रहने वाले प्रोफेसर प्रभात कुमार से बीस लाख रुपये की ठगी हुई थी। प्रभात कुमार को इंवेस्टमेंट कराने के नाम पर पैसा लिया गया था। प्रभात कुमार एनआईटी जमशेदपुर में केमेस्ट्री के प्रोफेसर हैं।



झारखंड के रांची जिले की साइबर थाना पुलिस शनिवार दोपहर हापुड़ पहुंची। रांची साइबर थाना के इंस्पेक्टर फागुनी पासवान ने कोतवाली में आमद कराई। उसके बाद हापुड़ कोतवाली पुलिस के साथ मोती कॉलोनी में एक मेडिकल स्टोर पर छापामारी की। यह मेडिकल स्टोर भंडा पट्टी के रहने वाले आसिफ का है। सादे कपड़ों में पहुंची पुलिस ने आसिफ को गिरफ्तार किया।
हापुड़ के साइबर थाना प्रभारी उपदेश सिंह के साथ उसको रिमांड मजिस्ट्रेट आदित्य जायसवाल के न्यायालय में पेश किया गया। वहां से रांची का रिमांड जारी कर दिया गया।
साइबर थाना के इंस्पेक्टर फागुनी पासवान ने बताया कि आसिफ साइबर ठगी गैंग का सक्रिय सदस्य है। उसके खाते में साइबर ठगी के रुपये आते हैं। वहीं, आसिफ के नाम पर जारी मोबाइल नंबर का प्रयोग पांच राज्यों के साइबर ठग गैंग कर रहे हैं।
उसके खाते में पांच मई को साइबर ठगी के 55 लाख रुपये ट्रांसफर हुए। सात मई को फिर से 59 लाख रुपये ट्रांसफर हुए। उसके मेडिकल स्टोर के करंट एकाउंट को रांची पुलिस ने फ्रिज करा दिया था। इस पर आसिफ ने बैंक को मेल भेजकर खाते पर लगी रोक हटाने की मांग की थी। पुलिस ने बताया कि उसके खाते में पहले भी साइबर ठगी के रुपये आते रहे हैं। हापुड़ में आसिफ का कोई केस नहीं है।
5 राज्यों के साइबर ठगी गैंग से जुड़े हैं आसिफ के तार :झारखंड साइबर थाना के इंस्पेक्टर फागुनी पासवान ने बताया कि आसिफ साइबर ठगी गैंग का सक्रिय सदस्य है। उसके खाते में साइबर ठगी के रुपये आते रहते हैं। उसका मोबाइल नंबर बिहार, झारखंड, हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में पिछले दिनों पकड़े गए साइबर गैंग के सदस्यों के संपर्क में किया है। हालांकि अभी तक उत्तर प्रदेश में उसकी सक्रियता नहीं मिली है। अब साइबर थाना पुलिस ने आइडीबीआइ बैंक से उसके खाते के तीन साल के लेनदेन का रिकार्ड मांगा है। जिससे पता लगाया जा सके कि उसके खाते से कहां-कहां पर लेनदेन किया जाता रहा है।
वहीं, यह भी पता लगाया जा रहा है कि उसके मोबाइल में कई अन्य नंबर तो प्रयोग नहीं किए जा रहे थे। वहीं हापुड़ कोतवाली पुलिस, हापुड़ साइबर थाना पुलिस और रांची साइबर थाना पुलिस इस मामले को संयुक्त रूप से देख रही हैं। पुलिस ने बैंक और मोबाइल प्रोवाइडर कंपनी को मेल जारी करके जानकारी मांगी है।
रांची के साइबर थाने की पुलिस ने आरोपित का बैंक खाता फ्रिज करा दिया है। अब आरोपित के बैंक खाते और मोबाइल नंबर के आधार पर जांच कराई जा रही है। पुलिस इसकी भी जानकारी जुटा रही है कि उसके संपर्क में कुछ और स्थानीय युवक तो नहीं हैं। आसिफ नाम के युवक को गिरफ्तार करके रांची ले जाया गया है।