टोक्यो, 29 जुलाई (भाषा): विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि केवल ‘क्वाड’ देशों के बीच सहयोग ही यह सुनिश्चित कर सकता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र मुक्त, खुला, स्थिर और सुरक्षित बना रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह समूह लंबे समय तक टिका रहेगा और मजबूत होता रहेगा।
जयशंकर ने टोक्यो में ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में अपने संबोधन में कहा कि विश्व की भलाई करने की ‘क्वाड’ की प्रतिबद्धता की गूंज इस क्षेत्र से कहीं अधिक दूर तक सुनाई देती है। उन्होंने कहा कि सिर्फ हमारे बीच सहयोग ही यह सुनिश्चित कर सकता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र मुक्त, खुला, स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध बना रहे।’
विदेश मंत्री ने कहा कि इसलिए यह जरूरी है कि हमारी राजनीतिक समझ मजबूत हो, हमारी आर्थिक साझेदारी आगे बढ़े, हमारे बीच प्रौद्योगिकी सहयोग का विस्तार हो और हमारे लोगों के आपसी रिश्ते गहरे हों। हमारी बैठक से यह स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि ‘क्वाड’ लंबे समय तक टिकने और आगे बढ़ने के लिए है।
भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने नवंबर 2017 में ‘क्वाड’ की स्थापना की थी, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नयी रणनीति विकसित की जा सके। दक्षिण चीन सागर हिंद और प्रशांत महासागरों के बीच स्थित है।
चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा जताता है, जबकि फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस समुद्री क्षेत्र को अपना हिस्सा बताते हैं।