
नई दिल्ली । पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ पहले ही कई फैसले लिए हैं। अब भारतअंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) जैसी संस्थाओं से पाकिस्तान को दिए जा रहे फंड और लोन पर दोबारा विचार करने को कहेगा। साथ ही भारत वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) से भी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने का की अपील करेगा। अगर पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद रुक जाती है, तो उसकी अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा।



एक सरकारी सूत्र ने बताया कि भारत, IMF द्वारा पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाने के लिए दिए गए फंड की समीक्षा करने की मांग करेगा। भारत, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसी संस्थाओं के साथ भी संपर्क में है। ये संस्थाएं पाकिस्तान में कई परियोजनाओं को वित्तीय मदद दे रही हैं।
IMF से बार-बार लोन लेता है पाकिस्तान : पाकिस्तान ने पिछले साल आईएमएफ से 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज हासिल किया था। इसके अलावा मार्च में उसे 1.3 बिलियन डॉलर का क्लाइमेट अडवशन लोन भी मिला था। आईएमएफ का कार्यकारी बोर्ड 9 मई को पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बैठक करेगा। इस बैठक में इन फंड्स की समीक्षा होगी।
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के शोधकर्ता सौम्या भौमिक के अनुसार, आईएमएफ को अपनी वित्तीय मदद में आतंकवाद विरोधी उपाय और जवाबदेही के नियम शामिल करने चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वित्तीय मदद का उपयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने में न हो। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जो 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे घातक था, के बाद आईएमएफ को पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद की शर्तों को और सख्त करना चाहिए।
पाकिस्तान को लगेगा बड़ा झटका : जनवरी 2025 में, विश्व बैंक ने पाकिस्तान को उसकी चुनौतियों से उबरने के लिए 20 बिलियन डॉलर के ऋण पैकेज को मंजूरी दी थी। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है। ऐसे में भारत की कोशिश है कि पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद को कम किया जाए। इससे पाकिस्तान पर आतंकवाद को समर्थन देना बंद करने का दबाव बढ़ेगा। भारत का मानना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देकर क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है। इसलिए भारत हर संभव तरीके से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।