
पटना। बिहार में चुनावी माहौल के बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 49 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इस बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और कल्याण योजनाओं को लेकर बड़े फैसले लिए गए, इसका सीधा लाभ लाखों छात्रों, कर्मचारियों और आम जनता पर पड़ेगा। सरकार ने कैबिनेट बैठक में पंचायती तकनीकी लेखपाल और आईटी सहायकों का मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया है। गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चों की पढ़ाई में मदद के लिए पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजना को 241 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। साथ ही राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप कर रहे छात्रों की छात्रवृत्ति भी बढ़ा दी गई है।



कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव अरविंद चौधरी ने बताया कि मंत्रिमंडल के बड़े फैसलों में बिहार के सात जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने का फैसला भी शामिल है। बिहार कैबिनेट ने गांधी मैदान में की गई अपनी घोषणा के आलोक में किशनगंज, कटिहार, रोहतास, शिवहर, लखीसराय, अरवल और शेखपुरा जिलों में नया मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल खोलने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। अरविंद चौधरी ने कहा कि बिहार गृहरक्षा वाहिनी के गृह रक्षकों का कर्तव्य भत्ता 774 रुपये प्रत्येक कार्य दिवस से बढ़ाकर बिहार सरकार में कार्यरत पुलिस के 1 दिन के न्यूनतम वेतन के अनुरूप 1121 रुपये करने का फैसला लिया गया है, जबकि ग्रामीण आवास सहायक एवं प्रखंड लेखपाल, लेखा सहायक के मूल मानदेय में 25 प्रतिशत ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक के मूल मानदेय में 20 प्रतिशत और राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी के मूल मानदेय में 10 प्रतिशत वृद्धि किए जाने की स्वीकृति दी गई है।
कैबिनेट ने कला एवं संस्कृति विभाग में 25 पदों के सृजन को मंजूरी दी है। साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत 40 आवासीय विद्यालयों में नए शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कुल 1800 पदों के सृजन की भी स्वीकृति दी गई है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि पटना प्रमंडलीय मुख्यालय में खेल और संरचना निर्माण के लिए पुनपुन अंचल के डुमरी में 100 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए 574 करोड़ 33 लाख 90125 रुपये भी मंजूर किए गए हैं, जबकि पटना में गंगा नदी के किनारे जेपी गंगा पथ के निर्माण कार्य के लिए 4,129 करोड़ 6 लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई है। चौधरी ने बताया कि आतंकवाद निरोधक दस्ता में कार्यरत एवं प्रतिनियुक्त पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को मूल वेतन का 30 प्रतिशत जोखिम भत्ता, जो अधिकतम 25 हजार होगा, उसकी भी स्वीकृति दी गई है। साथ ही बिहार अमीन संवर्ग के प्रोन्नति सौंपानों के लिए वेतन संरचना की भी मंजूरी मिली है।
बैठक में बिहार के विधि कार्य, पटना और संलग्न कार्यालय में अनुसचिवीय कोटि के कुल 34 पदों के सृजन की स्वीकृति मिली है। जबकि पटना उच्च न्यायालय के सभी समाचार-योग्य (रिपोर्टेबल) निर्णय को राजभाषा में अनुवाद किये जाने के लिए आशुलिपिक और कंप्यूटर आॅपरेटर सहित कुल 14 पदों के सृजन की भी मंजूरी मिली है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के लागू होने के फलस्वरुप बिहार अभियोजन सेवा संवर्ग के विभिन्न कोटी एवं अधीनस्थ संवर्ग के 760 पदों की सृजन की स्वीकृति दी गई है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मादक पदार्थों एवं ड्रग्स से संबंधित मामलों के क्षेत्राधिकार का आर्थिक अपराध इकाई से और मद्य निषेध इकाई को अपराध इकाई से पृथक कर संयुक्त रूप से मद्य निषेध एवं स्वापक नियंत्रण ब्यूरो के गठन करने और उसके संचालन के लिए विभिन्न कोटि के 88 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
बिहार के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय, दंत महाविद्यालय, आयुर्वेदिक यूनानी और होम्योपैथी का एंट्रेंस कर रहे छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 27 हजार रुपये की गई है, जबकि भौतिक चिकित्सा (फिजियोथैरेपी) और व्यावसायिक चिकित्सा (अकुपेशनल थेरेपी) का एंट्रेंस कर रहे छात्रों का 15 हजार रुपये से बढ़कर 20 हजार रुपये प्रति माह किया गया है। राजकीय पॉलिटेक्निक और राजकीय महिला पॉलीटेक्निक संस्थानों में 177 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। साथ ही 38 राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय में 237 पदों के सृजन की स्वीकृति मिली है। वहीं, 23 प्राध्यापक, 64 सह प्राध्यापक और 150 सहायक प्राध्यापक की भी बहाली होगी। राज्य सरकार ने राजस्व कर्मचारियों के पद को अब राज्य स्तरीय बना दिया है। इसके तहत अब उनका स्थानांतरण राज्य के किसी जिले में हो सकेगा। पहले यह पद जिला स्तरीय था। राजस्व कर्मचारियों की योग्यता अब इंटर की जगह स्नातक होगी और इसकी उम्र सीमा 18 वर्ष की जगह 21 वर्ष की गई है। अमीन को अब पदोन्नति भी मिल सकेगी। उन्हें ग्रेड वन और प्रधान अमीन के पद पर पदोन्नत किया जाएगा।