वाशिंगटन, 27 जुलाई (भाषा) : आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू रामचरितमानस की प्रासंगिकता का प्रसार करने के लिए न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पहली बार रामकथा करेंगे। पिछले 65 वर्षों से अधिक समय से रामकथा का पाठ कर रहे मोरारी बापू ने कहा कि रामचरितमानस धार्मिक एवं सांस्कृतिक सीमाओं से परे एक वैश्विक संदेश देता है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह सत्य, प्रेम और करुणा जैसे सार्वभौमिक मूल्यों की बात करता है जिनकी आज की दुनिया में जरूरत है।” नौ दिवसीय पाठ की शुरुआत की पूर्व संध्या पर उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र में रामकथा का आयोजन एक दैवीय कृपा है और यह वैश्विक सद्भाव की दिशा में एक कदम है।”
यह पहली बार है जब न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में रामकथा का आयोजन होगा। मोरारी बापू (77) ने इस आयोजन को सपना सच होने जैसा बताया। वह अब तक श्रीलंका, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, ब्रिटेन, अमेरिका, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल और जापान सहित दुनिया भर के कई शहरों तथा तीर्थ स्थलों पर रामकथा कर चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को दुनिया में शांति, प्रेम और सच्चाई के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है, खासकर इस प्रिय धरती पर, जिसे हम ‘वसुधैव कुटुंबकम’ कहते हैं। यहां रामकथा के माध्यम से हम परम शांति और कल्याण के लिए प्रार्थना करेंगे।”