रांची। टीबी मुक्त भारत के तहत 100 दिवसीय अभियान का राज्य स्तरीय शुभारंभ शनिवार को रांची जिला अस्पताल से किया गया। अभियान में राज्य के चार जिलों रामगढ़, सिमडेगा, हजारीबाग और गुमला में यह अभियान चलाया जायेगा। अभियान की शुरूआत रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने की। साथ ही टीबी जागरुकता रथ को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया’
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए राज्य के चार अति प्रभावित जिलों में 100 दिवसीय विशेष अभियान की शुरूआत की जा रही है । आज से तीन साल पहले मेरे जरिये 27 टीबी के मरीजों को गोद लिया गया था और आज वे सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। टीबी का उन्मूलन देशभर में हो जाए यही हमारा लक्ष्य है। साथ ही सभी जनप्रतिनिधि और सामाजिक संस्थाओं को भी टीबी के मरीजों को गोद लेने की जरूरत है ’ टीबी के मरीजों को गोद लेकर बेहतर पोषण आहार उपलब्ध कराने से टीबी को रोका जा सकता है’
विधायक सीपी सिंह ने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत आज 100 दिनों के लिए अभियान की शुरूआत की गई है। केंद्र सरकार भारत से टीबी को खत्म करना चाहती है और इसी के तहत अभियान चलाया जा रहा है। झारखंड सरकार को टीबी को जड़ से समाप्त करने के लिए जोर-शोर से अभियान चलाने की जरूरत है। टीबी के रोगियों का समुचित इलाज सुनिश्चित करना हम सबका दायित्व है। जब हम मिलकर समाज के लिए बेहतर करेंगे तो परिणाम भी बेहतर होगा। टीबी उन्मूलन के लिए जन भागीदारी आवश्यक है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि देशभर में इस अभियान की शुरूआत पंचकूला से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के जरिये की गयी है। अगले वर्ष तक भारत और झारखंड को टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। व्यापक रूप से अभियान चलाकर टीबी को खत्म करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हमें गांव एवं पंचायत स्तर पर रोगियों की जांच कर उनकी पहचान करना एवं उसके बाद उन्हें संपूर्ण इलाज उपलब्ध कराना है।
अभियान निदेशक अबु इमरान ने कहा कि गुमला, सिमडेगा, हजारीबाग और रामगढ़ जिलों के गांव-गांव तक पहुंच कर हमें जन मानस को जागरूक करते हुए टीबी के मरीजों की पहचान कर उनका इलाज शुरू करना है। स्वास्थ्य विभाग के जरिये टीबी के मरीजों की जांच से संबंधित सभी सुविधाएं निशुल्क हैं। मरीज को अच्छा पोषण देकर इस बीमारी को कम किया जा सकता है। रांची के सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने कहा कि टीबी के उन्मूलन के लिए 100 दिनों तक विशेष अभियान के रूप में लगातार काम किया जाएगा’ टीबी की जांच के लिए गांव- गांव में वैन रवाना किया गया है ताकि लोगों को जांच की सुविधा मिल सके। टीबी से अति प्रभावित चार जिलों में यह प्रोग्राम चलाया जा रहा है।