असली नाम है हरिकिशन गिरी गोस्वामी, दिलीप कुमार की दीवानगी ने बनाया मनोज कुमार
‘मिस्टर भारत कुमार’ से फेमस और पद्मश्री के साथ-साथ दादासाहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानिक बॉलीवुड के दिग्गज और पॉपुलर एक्टर मनोज कुमार ने 24 जुलाई, 1937 को इस दुनिया में कदम रखा था।
एक्टर का जन्म पाकिस्तान में हुआ था लेकिन जब वो 10 साल के थे, तब बंटवाले के बाद परिवार के साथ दिल्ली के राजेंद्र नगर आ गए थे। वैसे तो इन्हें कई नामों से लोग चाहने वाले बुलाते हैं। मगर असली नाम इनका हरिकृष्ण गोस्वामी था।
दिल्ली में ही रहकर पढ़ाई-लिखाई करने के बाद इन्होंने DU में एडमिशन लिया और हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद ही इन्होंने एक्टर बनने का फैसला किया और अपना नाम बदल लिया। बताया जाता है कि ये दिलीप कुमार के बहुत बड़े फैन थे। जब इन्होंने सायरा बानो के पति की फिल्म ‘शबनम’ देखी, उसके बाद ही अपना नाम मनोज कुमार रख लिया।
चेहरा ढंकने की अनोखी स्टाइल
मनोज इंडस्ट्री के उन स्टार्स में से हैं जिन्होंने कई सारी देशभक्ति फिल्में बनाई। साथ ही, उनमें काम भी किया। देशप्रेमी हीरो की भूमिका करने वाले मनोज कुमार अपने हाथों से अपने चेहरे को ढंकने के स्टाइल के चलते आज भी चर्चित हैं।
साल 1992 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। वे इंडस्ट्री में 1957 से 1995 तक सक्रिय रहे। उनकी फिल्मों से तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने प्रभावित होकर ‘जय जवान जय किसान’ के नारे पर फिल्म बनाने के लिए आग्रह किया था।
साल 2013 में दिए एक इंटरव्यू में मनोज कुमार और उनकी पत्नी शशि गोस्वामी ने अपनी लव स्टोरी के बारे में खुलकर बात की थी। एक्टर ने अपनी पहली मुलाकात के बारे में बताया था, ‘जब मैं ग्रेजुएशन कर रहा था दिल्ली में, तो पढ़ने के लिए अपने दोस्त के घर जाया करता था।
और तभ मैंने अपनी लाइफ में पहली बार शशि को देखा था। भगवान कसम। मैंने पहले कभी भी अपनी लाइफ में किसी लड़की को गलत इरादे से नहीं देखा था। लेकिन शशि में कुछ अलग बात थी। मैं उसके चेहरे से नजर ही नहीं हटा पा रहा था। और करीब एक-डेढ़ साल तक, हम एक-दूसरे को दूरे से ही देखा करते थे। क्योंकि दोनों से किसी के पास इतनी हिम्मत उस वक्त थी नहीं कि जाकर बात कर सके।’
हालांकि बाद में मनोज कुमार ने अपनो दोस्तों की मदद से वह और शशि दोनों दिल्ली के लेजेंड्री सिनेमा Odeon Cinemas गए। इस दौरान उनके दोस्त भी साथ में थे। वहां इन्होंने फिल्म ‘उड़नखटोला’ देखी। ‘अपने दोस्तों के साथ इस फिल्म को देखने के बाद, मैं और शशि फिर बार-बार मिलने लगे। हमारे इस रिलेशनशिप से मेरे परिवार को कोई आपत्ति नहीं थी। हां, शशि के भाई और मां को इस रिश्ते से ऐतराज जरूर था। मैं कॉलेज की छत पर जाता था और शशि अपने घर की छत पर आती थी। वहां से हम दोनों एक-दूसरे को देख सकते थे और कोई हमें ऐसा करते पकड़ भी नहीं पाता था।’
इंटरव्यू में शशि गोस्वामी ने अपने और मनोज के बारे में कुछ कॉमन चीजों के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘हम दोनों को फिल्मों से बहुत प्यार है। लेकिन जॉनर अलग-अलग है। ईमानदारी से कहूं, तो हम जो कुछ भी टीवी पर देखते हैं, फिर चाहे वो फिल्म हो या सीरियल, उसके लिए एक-दूसरे को जरूर चिढ़ाते हैं कि ये क्या देख रहे हो। हालांकि हम एक-दूसरे की खुशी और स्पेस की रिस्पेक्ट करते हैं। हम साथ बैठते हैं और एक-दूसरे की पसंदीदा फिल्में और शोज देखते हैं। चैनल नहीं चेंज करते हैं।’