रांची। गढ़वा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश नलीन कुमार की अदालत ने शनिवार को हत्या करने के आरोप में भंडरिया थाना के लामी निवासी नक्सली संगठन जेजेएमपी कमांडर टुनेश जी उर्फ टुनेश उरांव को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है। साथ ही अदालत ने 20 हजार का जुमार्ना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर एक वर्ष का अतिरिक्त सजा काटनी होगी। टुनेश उरांव फिलहाल गढवा मंडल कारा में बंद है।
भंडरिया थाना क्षेत्र के टेहरी निवासी चंद्रदेव यादव के बयान पर भंडरिया थाने में 22 दिसंबर 2008 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 21 दिसंबर 2008 की रात 10 बजे ग्राम बरकोल में रमेश पानिक के घर के पास भाकपा माओवादी संगठन के नक्सलियों के द्वारा अशर्फी यादव, विष्णु पनिक और रमेश पनिक को पकड़ लिए एवं तीनों को उठा कर उनके घर से मारपीट करते हुए बोली रोड़ दीपाटोली की ओर ले जाने लगे।
इस दौरान वहां से रमेश पनिक और विष्णु पनिक को मारपीट कर छोड़ दिया तथा अशर्फी यादव को जान मारने की नियत से गोली चलाकर हत्या कर दी गयी तथा उसे देखकर शव छोड़कर भाग गए। अशर्फी यादव की हत्या लेवी के तीन लाख रुपए एवं हथियार लेकर भाग जाने के कारण की गयी थी।
इस संबंध में नक्सली संगठन के सदस्यों विनय जी, वर्षा जी, जगदीश जी, रितेश जी, इंद्रजीत जी, विश्वनाथ जी, केश्वर जी, टुनेश जी उर्फ टुनेश उरांव, दिलीप साव एवं अन्य 30-35 के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज करायी गयी थी, जिसके आलोक में भंडरिया पुलिस के जरिये अनुसंधान कर आरोप पत्र समर्पित किया गया।
पूरक आरोप पत्र टुनेश जी उर्फ टुनेश उरांव के विरुद्ध न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय के संज्ञान लेते हुए टुनेश जी के विरुद्ध आरोप गठन कर साक्ष्य एवं उपलब्ध दस्तावेज के आधार पर सजा सुनायी गयी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक जगदेव साहू और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अशोक पाण्डेय ने पैरवी की।