
रांची। राष्ट्रपति भवन, अमृत उद्यान में 26 अगस्त से 31 अगस्त तक आयोजित स्ट्रीट फूड फेस्टिवल एवं स्वयं सहायता समूह उत्पाद प्रदर्शनी में झारखंड के नगर निकायों की महिला समूहों ने अपनी भागीदारी से राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान बनाई है। इस अवसर पर दीनदयाल अन्त्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, झारखंड की महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से निर्मित उत्पादों की अच्छी मांग के कारण महिलाओं का उत्साह देखने लायक रहा।



प्रदर्शनी से रांची पहुंचने पर मंगलवार को सभी प्रतिभागियों ने निदेशक, नगरीय प्रशासन निदेशालय नैंसी सहाय से मिलकर अपने अनुभव को साझा किया। निदेशक ने शहरी महिला समूहों एवं पूरी टीम को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान झारखंड की शहरी महिला समूहों की मेहनत, लगन एवं आत्मनिर्भरता का परिणाम है। इससे स्थानीय उत्पादों को नई पहचान मिली है। आने वाले समय में और भी समूह राष्ट्रीय स्तर पर प्रेरित होंगे। इस प्रदर्शनी में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से बुंडू की मां वैष्णवी महिला समिति को एप्रिशिएशन सर्टिफिकेट प्रदान किया है। इसके साथ ही मानगो नगर निगम की भारती महिला समिति, लातेहार की सितारा महिला समिति एवं गुमला की नारी शक्ति महिला समिति को भी विशेष सम्मान प्रदान किया गया।
झारखंड टीम ने अपने पारंपरिक हस्तशिल्प, खाद्य पदार्थ एवं स्थानीय उत्पादों का प्रदर्शन कर लगभग 1.50 लाख रुपये की बिक्री दर्ज की । यह उपलब्धि न केवल राज्य के उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाली रही, बल्कि महिलाओं के आत्मनिर्भरता मॉडल को भी मजबूती प्रदान करने का कार्य किया। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव ईशा कालिया ने झारखंड स्टॉल का भ्रमण कर महिला समितियों की उत्कृष्ट भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि झारखंड की महिला समितियों की ओर से प्रदर्शित उत्पादों की गुणवत्ता और विविधता विशेष उल्लेखनीय है। यह राष्ट्रीय मंच पर झारखंड की सशक्त पहचान है। इस अवसर पर नगर मिशन प्रबंधक मुकेश कुमार सिंह, निर्मल कुमार एवं राहिल डुंगडुंग को भी मंत्रालय की ओर से प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
उल्लेखनीय है कि मंत्री नगर विकास एवं आवास विभाग सुदिव्य कुमार एवं विभागीय प्रधान सचिव सुनील कुमार के निदेर्शानुसार, नगरीय प्रशासन निदेशालय की ओर से चयनित स्वयं सहायता समूहों को इस प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए दिल्ली भेजा गया था। झारखंड की टीम ने वहां अपने पारंपरिक हस्तशिल्प, स्थानीय व्यंजन एवं अन्य वस्तुओं के साथ मजबूत उपस्थिति दर्ज की और देशभर के अतिथियों को आकर्षित किया।