नई दिल्ली । उभरते हुए बाजारों में भारतीय अर्थव्यवस्था अगले तीन वर्षों तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली जीडीपी बनी रहेगी और 2030 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। एसएंडपी ग्लोबल की एक रिपोर्ट में बताया गया कि अगले एक दशक में उभरते हुए बाजार दुनिया की अर्थव्यवस्था में एक बड़ी भूमिका निभाएंगे। 2035 तक इन अर्थव्यवस्थाओं की औसत वृद्धि दर 4.06 प्रतिशत रहेगी। विकसित अर्थव्यवस्थाओं में यह आंकड़ा 1.59 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
वैश्विक आर्थिक विकास में 2035 तक उभरते हुए बाजार का योगदान लगभग 65 प्रतिशत का होगा। यह वृद्धि मुख्य रूप से चीन, भारत, वियतनाम और फिलीपींस सहित एशिया-प्रशांत में उभरती अर्थव्यवस्थाओं द्वारा संचालित होगी। रिपोर्ट में बताया गया कि 2035 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर लेगा। इंडोनेशिया और ब्राजील आठवीं और नौवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगी।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारत, इंडोनेशिया और ब्राजील ने अपने समकक्षों की तुलना में अधिक सुधार किया है और अगले दशक में गति बढ़ने की उम्मीद है। आपूर्ति श्रृंखला के दूसरे देशों में शिफ्ट होने का फायदा भारत, मैक्सिको और वियतनाम को मिलेगा।
एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के अनुमान में कहा गया कि भारत में सामानों पर कंज्यूमर खर्च 2024 में 1.29 ट्रिलियन डॉलर रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ मुकाबला करने के लिए सरकारों की ओर से स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग का समर्थन किया जा रहा है। इससे भारत, मलेशिया और इंडोनेशिया निवेश आकर्षित करने में सफल हुए हैं और निर्यात को भी बढ़ाने में सफलता प्राप्त हुई है।
भारत मौजूदा समय में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2024-25 में इसके 7.2 प्रतिशत से बढ़ने की उम्मीद है।