
पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार की सुबह टेंडर घोटाले से जुड़े एक मामले में एक मुख्य अभियंता, कई कार्यपालक अभियंता और बिहार प्रशासनिक सेवा से जुड़े चार अधिकारियों समेत आठ अधिकारियों के यहां एक साथ छापा मारा। भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (उत्तर) तारिणी दास के यहां सबसे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी कार्रवाई प्रारंभ की। इसके बाद बुडको (बिहार अरबन डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कारपो.लि.) के र्कायपालक अभियंता, बुडको में तैनात एक अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों के यहां भी जांच टीम ने छापा मारा।




ईडी ने अपनी जांच में करोड़ी की नकदी के साथ कई अहम दस्तावेज, डिजिटल उपकरण के साथ ही जमीन में निवेश के कागजात बरामद किए हैं। छापामारी अभी भी जारी है। छापामारी के संबंध में ईडी आधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने से बच रही है।
सूत्रों से मिली जानकासूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की लगातार निगरानी कर रही है। इसी क्रम में के बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग में बड़े भ्रष्टाचार के सबूत मिले थे। जिसके बाद निदेशालय ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज करते हुए गुुरुवार की सुबह-सुबह फुलवारीशरीफ के पूर्णेन्दु नगर स्थिति भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (उत्तर) तारिणी दास के यहां ईडी ने छापा मारा।
तारिणी दास के साथ ही पूर्व नगर आयुक्त स्तर के एक बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, वित्तीय मामलों से जुड़े एक अधिकारी जो बुडको में पदस्थापित हैं सहित नगर विकास एवं आवास विभाग, पुल निर्माण निगम के अन्य अधिकारियों के यहां छापा मारा है। जिनके नाम बताने से ईडी परहेज कर रही है।
सूत्रों की माने तो ईडी ने अपनी प्रारंभिक छापेमारी के दौरान ही तारिणी दास के ठिकाने से करोड़ों की नकदी बरामद करने की सफलता प्राप्त की। इसके अलावा जमीन के निवेश के दस्तावेज, टेंडर घोटाले से जुड़े कई अहम कागजात, कई बैंकों की पास के साथ ही डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं। सूत्रों की माने तो जो नकदी बरामद की गई है वह तीन करोड़ के करीब है। हालांकि अब तक इसकी पुष्टि नही हो पाई है। बड़ी नकदी देख निदेशालय की टीम ने नोट गिनने के लिए मशीनें भी मंगाई हैं। सूत्रों की माने तो यह पूरा मामला आइएएस संजीव हंस से जुड़ा हुआ है।
संजीव हंस मामले की जांच के क्रम में ही ईडी को भवन निर्माण, नगर विकास एवं आवास विभाग, बुडको में टेंडर घोटाले में गड़बड़ी के प्रमाण मिले थे। हालांकि सूत्रों की बातों में कितनी सच्चाई है यह ईडी का आधिकारिक बयान आने के बाद ही साफ हो पाएगा।