रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उम्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने संथाल परगना की बरहेट विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन के साथ, जो शपथ पत्र दाखिल किया है, उसमें उन्होंने अपनी उम्र 49 साल बताई है। इसके पहले वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट से चुनाव लड़ते हुए शपथ पत्र में अपनी उम्र 42 साल बताई थी। भारतीय जनता पार्टी ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की है।
शपथ पत्र में हेमंत सोरेन की ओर से पेश किए गए संपत्ति के ब्यौरे को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाए हैं। इस वर्ष उन्होंने अपने संपत्ति का ब्योरा देते हुए कई ऐसी जमीनों को विवरण दिया है, जिसे उन्होंने 2019 के पहले ही खरीदा था, लेकिन उस वक्त नामांकन पत्र में उनका उल्लेख नहीं किया गया था। 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल नामांकन पत्र में उन्होंने अपने नाम पर सिर्फ दो गैर कृषि भूखंडों पर अपना स्वामित्व बताया था, जबकि इस बार उन्होंने ऐसे 23 भू-खंडों का ब्योरा दिया है।
शपथ पत्र के अनुसार, इनमें से ज्यादातर भू-खंडों को उन्होंने 2006 से 2008 के बीच खरीदा था। ऐसे में उन पर संपत्ति का गलत ब्योरा देने और भारत के निर्वाचन आयोग से तथ्यों को छिपाने के आरोप लगे हैं। हालांकि बरहेट सीट पर नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी 30 अक्टूबर को ही हो चुकी है और हेमंत सोरेन का पर्चा स्वीकार कर लिया गया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नामांकन दाखिल करते हुए फर्जीवाड़ा किया है। उन्हें इस बात का जवाब देना पड़ेगा कि पांच साल में उनकी उम्र सात साल कैसे बढ़ गई। इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी संपत्ति का ब्योरे भी चुनाव आयोग से छिपाए। यह गंभीर मामला है। हमारी पार्टी आयोग से उनका नामांकन रद्द करने की मांग कर रही है।
बरहेट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गमालिएल हेंब्रम ने भी इसे लेकर निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की है। यह मामला सामने आने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा है कि सारे तथ्य सामने हैं। भारतीय जनता पार्टी अपनी हार सुनिश्चित देख इस तरह का विवाद खड़ा कर रही है।