अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) प्रधान पद का चुनाव एसजीपीसी मुख्यालय में हुआ। मतदान के तुरंत बाद मतगणना हुई जिसमें हरजिंदर सिंह धामी विजयी हुए। शिरोमणि अकाली दल बादल समर्थित उम्मीदवार एवं मौजूदा प्रधान हरजिंदर सिंह धामी का मुकाबला शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर की उम्मीदवार बीबी जागीर कौर से था। SGPC के प्रधान धामी नवंबर 2021 से लगातार चौथी बार जीत दर्ज कर हैट्रिक बना चुके हैं, साल 2022 के चुनाव में उन्होंने बीबी जागीर कौर को भी पराजित किया था।
एसजीपीसी के कुल 185 सदस्यों के हाउस में से 31 सदस्यों से की मौत हो चुकी है जबकि जब कि 6 सदस्य किन्हीं कारणों से एसजीपीसी की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। शेष 148 में से 142 सदस्यों ने आज चुनाव प्रक्रिया में भाग लिया। जिसमें एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को 107 और बीबी जागीर कौर को सिर्फ 33 वोट मिले। वहीं 2 वोट रद्द घोषित किए गए।
प्रधान के अलावा तीन अन्य पदाधिकारियों एवं 11 कार्यकारिणी सदस्यों का चयन भी आज किया जाना है। इनमें प्रधान के अलावा महासचिव, जूनियर उप प्रधान तथा सीनियर उप प्रधान तथा 11 कार्यकारिणी सदस्यों का चयन किया जाना है। प्रधान की जीत के बाद पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों का चयन सर्वसम्मति से किए जाने का प्रावधान है। श्री गुरु ग्रंथ साहब की छत्रछाया में होने वाले चुनाव में पांच तख्तो के सिंह साहिबान भी शामिल होते हैं।
इन सिंह साहिबान को वोट डालने का अधिकार नहीं होता है लेकिन उक्त सिंह साहिबान चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं। चुनाव शांतिपूर्वक एवं निर्विघन तरीके से
1990 के दशक से रहा है बादल परिवार का प्रभाव : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर 1990 के दशक से बादल परिवार का प्रभाव है। साल 1996 में स्व. प्रकाश सिंह बादल एसजीपीसी के प्रधान बने थे। उसके बाद से ही एसजीपीसी प्रधान पद पर बादल परिवार का नियंत्रण रहा। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद पंजाब में अकाली दल का प्रभाव कम हो गया है। कुछ दिन पहले अकाली दल का दो फाड़ भी हो गया है। अकाली दल के बागी नेताओं ने सुखबीर बादल को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की। हाल ही में श्री अकाल तख्त साहिब ने तनखैया घोषित किया है। अकाली दल ने पंजाब के 4 सीटों पर हो रहे उपचुनाव से भी किनारा करने का फैसला किया है।