
पटना । अगर आप पांच दशक से बिहार की राजनीति को फॉलो कर रहे हैं तब तो तस्वीर देखकर पहचान चुके होंगे कि ये किनकी तस्वीर है। लेकिन युवाओं को थोड़ी मशक्कत हो रही होगी। हालांकि अगर दिमाग पर थोड़ा जोर लगाएंगे तो शायद वे भी अंदाजा लगा लेंगे कि ये आज के किस नेता की तस्वीर है। दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच पुरानी दोस्ती रही है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहने के दौरान नीतीश कुमार गुजरात दौरे पर तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूरी-भूरी प्रशंसा करते रहे हैं। यदा कदा सोशल मीडिया पर उस दौर में पीएम मोदी की तारिफ में नीतीश कुमार के कहे शब्द वायरल होते रहे हैं।



हालांकि 2002 गुजरात में हुए गुजरात दंगे के बाद नीतीश कुमार खुद को नरेंद्र मोदी से दुराव दर्शाने की कोशिश करने लगे। नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के रिश्तों में कड़वाहट कई मौकों पर देखने को मिले। यहां तक कि नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात की ओर से बिहार को मिली राहत सामग्री तक लौटा दी गई। यह कड़वाहट 2013 आते-आते कुछ ज्यादा की बढ़ गई। नरेंद्र मोदी को जब बीजेपी ने अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया तो नीतीश कुमार ने उनकी पार्टी बीजेपी से गठबंधन तोड़कर 2014 के लोकसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतर गए। हालांकि इस चुनाव में नरेंद्र मोदी नीतीश कुमार पर काफी भारी पड़े। नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू महज दो सीटों पर सिमट गई।
इसके बाद नीतीश कुमार ने भी 2015 के विधानसभा चुनाव में कथित अपने राजनीतिक बड़े भाई लालू प्रसाद यादव के साथ गठबंधन करके पीएम मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी को बुरी तरह पटखनी दी। 2015 के चुनाव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए नरेंद्र मोदी ने लोकप्रिय पीएम के तौर पर बिहार में ताबड़तोड़ रैलियां की, लेकिन प्रचंड जीत जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के गठबंधन को ही मिला।
करीब डेढ़ साल बाद ही नीतीश कुमार और पीएम मोदी में फिर से दोस्ती हो गई। बिहार में बीजेपी और जेडीयू ने मिलकर सरकार बना ली। राजनीतिक मंचों से नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की खिलखिलाकर हंसते हुए तस्वीर सामने आने लगी। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कुछ समय सरकार चलाने के के बाद एक बार फिर नीतीश कुमार एनडीए से अलग हो गए। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर से पीएम मोदी की पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया।
अभी दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मोकामा के सिमरिया में पुल का उद्घाटन करने पहुंचे तब वह काफी घुलमिलकर सीएम नीतीश से बातें कर रहे थे और पुल पर उनका हाथ पकड़कर जनता का अभिवादन स्वीकर करते दिखे। दोनों नेताओं की यह जुगलबंदी मीडिया में खूब सुर्खियां बनी। यानी पीएम मोदी और नीतीश कुमार का रिश्ता, दोस्ती, दुश्मनी और फिर दोस्ती वाला ही रहा है।