रांची। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने रविवार को कहा कि पूर्व सैनिक राष्ट्र के प्रति समर्पण, अनुशासन और सेवा भावना के प्रतीक हैं। उनका योगदान समाज एवं राष्ट्र के लिए अनुकरणीय है।
राज्यपाल रांची के गुरुनानक स्कूल सभागार में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद की ओर से आयोजित पूर्व सैनिक महासम्मेलन के समापन पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे देश के पूर्व सैनिक सीमाओं की रक्षा के प्रहरी रहे हैं और आज भी वे समाज के प्रेरणास्रोत और गौरव हैं। उनका अनुशासन, साहस और समर्पण हमारे लिए मार्गदर्शक है। उन्होंने अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद को बधाई देते हुए कहा कि इसने इन वीर योद्धाओं को समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए संगठित किया है।
राज्यपाल ने कहा कि सैनिकों का योगदान केवल युद्धक्षेत्र तक सीमित नहीं है। वर्ष 1965, 1971 और कारगिल युद्ध जैसी ऐतिहासिक घटनाओं के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं में सहायता और दूरदराज क्षेत्रों में सामाजिक उत्थान में उनकी भूमिका अद्वितीय है। उनकी सेवाएं हर क्षेत्र में प्रेरणा और शक्ति का प्रतीक हैं। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जरिये “वन रैंक, वन पेंशन” जैसी ऐतिहासिक योजनाओं के कार्यान्वयन न केवल पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को वित्तीय स्थिरता प्रदान करती है, बल्कि सरकार की प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता को भी दशार्ती है।
राज्यपाल ने कहा कि पूर्व सैनिकों के अनुशासन और नेतृत्व कौशल शिक्षा, ग्रामीण विकास, आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में कार्य समाज को समृद्ध कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के बच्चों की शिक्षा, परिवार की सुरक्षा और रोजगार के सम्मानजनक अवसर सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। राज्यपाल ने कहा कि पूर्व सैनिक केवल अतीत के रक्षक नहीं हैं, वे हमारे वर्तमान और भविष्य के निमार्ता भी हैं। उनके सम्मान और गरिमा की रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है, जो राष्ट्र के प्रति सच्ची सेवा का प्रमाण है।
राज्यपाल ने झारखंड में संगठन की प्रगति की प्रशंसा करते हुए कहा कि जमशेदपुर से शुरू हुई यह यात्रा राज्य के 11 जिलों में विस्तारित हो चुकी है। यह संगठन न केवल पूर्व सैनिकों के अधिकारों की रक्षा कर रहा है, बल्कि समाज के वंचित वर्गों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में भी सक्रिय योगदान दे रहा है। सैनिकों की वीरता के पीछे उनके परिवारों के अद्वितीय समर्थन की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनके त्याग और धैर्य से पूरा समाज प्रेरणा लेता है। सैनिक परिवार कल्याण न्यास, जिसने शहीदों के परिवारों और आश्रितों की देखभाल का दायित्व उठाया है, सराहनीय है। राज्यपाल ने पूर्व सैनिकों और उनके परिवार के सदस्यों से कहा कि उनका संघर्ष और समर्पण व्यर्थ नहीं जाएगा। पूरा देश उनके साथ खड़ा है और उनके उत्थान के लिए वे सदैव तत्पर रहेंगे।