रामगढ़। जिले के कुजू ओपी क्षेत्र में प्लंबर संजय बेदिया हत्याकांड से पर्दा उठ गया है। परिवार वालों ने ही संजय की हत्या की साजिश रची और उसे अंजाम दिया। संजय का पूरा परिवार एक साल पहले अचानक करोड़पति बन गया था। पैसों की लालच ने भाई को भाई का दुश्मन बना दिया और करोड़ों रुपए हड़पने की मंसा से ही संजय के भाई धर्मेंद्र बेदिया ने उसकी हत्या करा दी। इस मामले में 5 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसकी जानकारी सोमवार की शाम प्रेस कांफ्रेंस के दौरान रामगढ़ एसपी अजय कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि 23 अगस्त की शाम संजय बेदिया की तिलैया गांव के पास ही हत्या कर दी गई थी।
एसपी अजय कुमार ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों के पास से 7.65 बोर का पिस्टल, दो जिंदा कारतूस, घटनास्थल से तीन खोखा, घटना में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिल और पांच मोबाइल जब्त किए गए हैं। इस मामले में कुजू ओपी क्षेत्र के तिलैया गांव निवासी धर्मेंद्र बेदिया, पतरातू थाना क्षेत्र के जोबा खपिया गांव निवासी सुभाष बेदिया, हजारीबाग जिले की बढ़कागांव थाना क्षेत्र अंतर्गत आसवां गांव निवासी करण उरांव, जरजरा उरीमारी निवासी उमेश बेदिया और मुख्य शूटर रांची जिले के ओरमांझी थाना क्षेत्र अंतर्गत गुडू पाचा गांव निवासी अमन कुमार ठाकुर को गिरफ्तार किया गया है।
24 घंटे के अंदर पकड़े गए सभी अपराधी : हत्याकांड के 24 घंटे के अंदर ही सीडीपीओ परमेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में बनी स्पेशल टीम ने सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया था। घटना के बाद पूछताछ के दौरान यह पता चला की बाइक पर सवार दो लोगों ने बारिश के दौरान ही संजय बेदिया पर गोली चलाई थी। उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया था। लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो चुकी थी। छानबीन के दौरान पुलिस को तत्काल यह पता चल गया कि इस घटना के पीछे धर्मेंद्र बेदिया है। धर्मेंद्र, संजय का चचेरा भाई है।धर्मेंद्र ने अपने फुफेरे भाई सुभाष बेदिया के साथ मिलकर शूटर अमन कुमार ठाकुर को पैसे देकर रामगढ़ बुलाया था। अमन ने ही कारण और उमेश के साथ मिलकर हत्या की सुपारी ली। वे लोग लगभग 1 महीने से संजय बेदिया की हत्या करने का प्रयास कर रहे थे।
एक साल पहले संजय के परिवार वालों को मिले थे 3 करोड़ 12 लाख : जांच के दौरान यह पता चला कि संजय के परिवार वालों की जमीन भारत माला प्रोजेक्ट और फोरलेन में गई है एक साल पहले ही उनके सारे कुटिया लोग को मिलाकर सरकार ने 3 करोड़ 12 लख रुपए दिए थे इस प्रोजेक्ट में धर्मेंद्र बेड़िया पूरे परिवार का नेतृत्व कर रहा था उसने पूरे परिवार को बताया कि सरकार से सिर्फ दो करोड रुपए ही मिले हैं जिसमें सभी की हिस्सेदारी थी बाद में संजय बेड़िया को यह मालूम पड़ गया कि सरकार ने 3 करोड़ 12 लाख दिए हैं और धर्मेंद्र एक करोड़ 12 लख रुपए हद ए चुका है इसके बाद संजय ने अपने हिस्से की रकम के लिए धर्मेंद्र पर दबाव बनाना शुरू किया धर्मेंद्र वह पैसे देना नहीं चाहता था इसीलिए उसने अपने फुहेरे भाई के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची 23 अगस्त को कुज्जू नया मोड़ से ही वे लोग संजय के पीछे लग गए थे इसके बाद शाम सात बजे जब संजय अपने ससुराल से घर लौट रहा था तो तिलैया गांव पहुंचने से पहले ही सुनसान जगह देखकर अमन ने उसे पर गोली दाग दी।
एसपी अजय कुमार ने बताया कि करण उरांव पर पहले से ही पांच आपराधिक मामले दर्ज हैं। साथ ही सुभाष बेदिया पर भी दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह लोग अपराध जगत में पहले से ही शामिल थे। करण उरांव के संबंध नक्सली संगठनों से भी रहे हैं।