
पटना। बिहार के सरकारी विद्यालयों में चौथे चरण के शिक्षकों की नियुक्ति (टीआरई-फोर) के लिए सभी जिलों में रोस्टर क्लीयरेंस के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। यह निर्देश सोमवार को शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिया है। शिक्षा विभाग के निर्देश के मुताबिक, सभी जिलों को तय समय-सीमा के अंदर रोस्टर क्लीयरेंस का कार्य पूरा करना है। रोस्टर क्लीयरेंस के साथ रिक्तियां आते ही चौथे चरण की शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) को जल्द भेजी जाएगी।



राज्य में चौथे (टीआरई-फोर) एवं पांचवें चरण (टीआरई-फाइव) में तकरीबन एक लाख 12 हजार लाख अध्यापकों की नियुक्ति संभावित है। इनमें से तकरीबन 50 हजार अध्यापकों की नियुक्ति चौथे चरण (टीआरई-फोर) में होने की संभावना है। चौथे चरण में उन सीटों पर नियुक्ति की तैयारी है, जो रिक्त रह गए हैं। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जिलों में रोस्टर क्लीयरेंस की प्रक्रिया में दस-से पंद्रह दिन लग जाएंगे। इसके मद्देनजर यह माना जा रहा है कि अगले माह यानी सितंबर में चौथे चरण की वैकेंसी आ जाएगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 जुलाई को अपने एक्स हैंडिल पर कहा था कि हमने शिक्षा विभाग को कहा है कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की रिक्तियों की गणना तुरंत कर ली जाए और इस पर नियुक्ति टीआरई-फोर की परीक्षा शीघ्र लेने की करवायी जाए।
मुख्यमंत्री के इस निर्देश के बाद ही शिक्षा विभाग रिक्तियों के आकलन में लग गया। चौथे चरण (टीआरई-फोर) की शिक्षकों की नियुक्ति से ही बिहारियों को प्राथमिकता मिलनी शुरू हो जाएगी। इससे संबंधित संशोधित नियमावली के गजट के साथ ही शिक्षकों की नियुक्ति में बिहारियों को प्राथमिकता देने का कानून लागू हो गया है।