
मुंबई । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र कैडर की आईपीएस अधिकारी रश्मी करंदीकर के पति पुरूषोत्तम चव्हाण के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक नया मामला दर्ज किया है। एक सूत्र ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) की धाराओं के तहत दर्ज किया गया है, जो मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा इस वर्ष फरवरी में दर्ज की गई दो प्राथमिकी पर आधारित है। ये मामले मार्च 2015 से अप्रैल 2024 के बीच हुए कथित धोखाधड़ी से संबंधित हैं।



पहले मामले में चव्हाण और 11 अन्य पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई, ठाणे और पुणे में सरकारी कोटे के तहत सस्ते दर पर फ्लैट दिलाने का झांसा देकर 20 लोगों से करीब 24.78 करोड़ रुपये की ठगी की। चव्हाण ने सरकारी विभागों में अपने प्रभाव का हवाला देते हुए लोगों को फ्लैट दिलाने का वादा किया, लेकिन उन्हें फ्लैट नहीं मिले।
सूरत के व्यापारी से 7.42 करोड़ की ठगी : दूसरे मामले में चव्हाण पर आरोप है कि उन्होंने सूरत के व्यापारी रावसाहेब देसाई और अन्य से सरकारी प्लॉट सस्ते दामों पर दिलाने के नाम पर 7.42 करोड़ रुपये वसूले। साथ ही उन्होंने व्यापारी को महाराष्ट्र पुलिस अकादमी, नाशिक में टी-शर्ट की सप्लाई के कॉन्ट्रैक्ट दिलाने का झांसा भी दिया, लेकिन वह अपने किसी भी वादे पर खरे नहीं उतरे।
पहले से ही न्यायिक हिरासत में है चव्हाण : इन दोनों मामलों में चव्हाण को पहले ही आर्थिक अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा मई 2023 में उन्हें 263 करोड़ रुपये की आयकर रिफंड धोखाधड़ी मामले में भी ईडी ने गिरफ्तार किया था और तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं। गुजरात पुलिस ने भी हाल ही में उनके खिलाफ तीसरे धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तारी की है।
आईपीएस करंदीकर पर भी जांच की निगाह
चव्हाण की पत्नी और महाराष्ट्र कैडर की आईपीएस अधिकारी रश्मी करंदीकर से भी आर्थिक अपराध शाखा ने पूछताछ की है। उन पर आरोप है कि उन्होंने चव्हाण के आईसीआईसीआई बैंक खाते से मिले 2.5 करोड़ रुपये को शेयर ट्रेडिंग में निवेश किया। हालांकि, अब तक उन्हें किसी मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है।