Close Menu

    Subscribe to Updates

    Get the latest Poli news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    झारखंड शराब घोटाले में ओम साईं कंपनी के दो निदेशक गिरफ्तार

    July 7, 2025

    झारखंड : 64 पुलिस अफसर बने डीएसपी, डीजीपी ने किया सम्मानित

    July 7, 2025

    पूर्णिया : एक ही परिवार के पांच लोगों लोगों की पीट-पीटकर हत्या , नृशंस हत्या से इलाके में सनसनी

    July 7, 2025
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Trending
    • झारखंड शराब घोटाले में ओम साईं कंपनी के दो निदेशक गिरफ्तार
    • झारखंड : 64 पुलिस अफसर बने डीएसपी, डीजीपी ने किया सम्मानित
    • पूर्णिया : एक ही परिवार के पांच लोगों लोगों की पीट-पीटकर हत्या , नृशंस हत्या से इलाके में सनसनी
    • पटना को दहलाने की साजिश नाकाम, 5 अपराधी गिरफ्तार, हथियार और विस्फोटक बरामद
    • गोपाल खेमका हत्याकांड में एक प्रमुख शूटर गिरफ्तार, पटना पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी
    • राहुल गांधी सेनेटरी पैड वीडियो मामले में दिल्ली में भी एफआईआर दर्ज
    • सामान बांध लिया है, जल्द ही सरकारी आवास छोड़ दूंगा, बंगला खाली न करने की शिकायत पर बोले पूर्व प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़
    • शुभांशु शुक्ला ने की ISRO की तारीफ, कहा- ‘सुरक्षित अंतरिक्ष यात्रा का अद्भुत प्रयास’
    Facebook X (Twitter) Instagram
    News Maati
    • Home
    • Jharkhand
      • Bokaro
      • Chatra
      • Deoghar
      • Dhanbad
      • Dumka
      • East Singhbhum
      • Garhwa
      • Giridih
      • Godda
      • Gumla
        • Hazaribagh
        • Jamtara
        • Khunti
        • Koderma
        • Latehar
        • Lohardaga
        • Pakur
        • Palamu
        • Ramgarh
        • Ranchi
        • Sahibganj
        • Saraikela Kharsawan
    • Bihar
    • Delhi
    • Opinion
    • Sports
    • About Us
      • Privacy Policy
      • Terms and Conditions
      • Contact Us
    News Maati
    Home » क्या राहुल सच में ही राजनेता बनना चाहते थे?
    Lead News

    क्या राहुल सच में ही राजनेता बनना चाहते थे?

    News MaatiBy News MaatiMay 2, 2024Updated:May 2, 2024No Comments17 Views
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn WhatsApp Reddit Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    सुशोभित

    राहुल गांधी आज कोई पंद्रह सालों से सार्वजनिक जीवन में हैं और इतना समय किसी आदमी की परख करने के लिए बहुत होता है। राहुल में जो भोलापन और भलापन, ईमानदारी और सच्चाई है, उसे अनेक मित्र उनका बौड़म होना भी बतला सकते हैं।

    तिस पर मैं कहूँगा कि बौड़म होना कोई बुरी बात नहीं है। हाँ इससे आप एक अच्छे राजनेता भले नहीं माने जाएँ, लेकिन राजनीति जीवन का एक आयाम भर है, पूरा जीवन नहीं है।

    और राजनीति में विफल होने का मतलब जीवन में विफल होना नहीं है। इसका उलटा भी सही है। कोई राजनीति में बड़ा सफल होकर भी मनुष्य के रूप में विफल रह सकता है। उदाहरणों की हमारे यहाँ कमी नहीं।

    राहुल का मामला ज़रा अजीब है। भला कौन राजनेता सार्वजनिक रूप से सत्ता को ‘ज़हर’ बताकर उसके प्रति अरुचि जतलाता है? उनकी माँ ने 2004 में प्रधानमंत्री बनने के अवसर को त्याग दिया था और बहुत सम्भव है कि राहुल भी वैसा अवसर बनने पर यही करें। यह अन्यमनस्कता राहुल के व्यक्तित्व का केंद्रीय हिस्सा बन चुकी है। क्या वे सच में ही राजनेता बनना चाहते थे? क्या कोई दूसरा कॅरियर उनके लिए बेहतर हो सकता था? ये प्रश्न असंख्य बार पूछे जा चुके हैं। किन्तु इतनी हार, उपहास और अपमान के बावजूद राहुल अभी तक भागे नहीं हैं, उलटे पहले से ज़्यादा ज़िद्दी होकर मैदान में डट गए हैं। ऐसा भी नहीं है कि राजनीति में भलमनसाहत हमेशा ही एक अयोग्यता साबित हो। जनता के मन का क्या भरोसा? जनता ने अगर चतुरसुजानों और धूर्तों और कुटिलों से ऊबकर मन बदलने का निर्णय कर लिया तो?

    नेशनल हेरल्ड मामले में जब राहुल से कई दिनों तक घंटों पूछताछ चल रही थी तो उसके बाद एक सभा में किसी ने पूछा कि राहुलजी आपने इतने धीरज से इस सबका सामना कैसे किया? उन्होंने कहा, भैया मैं कांग्रेस में काम करता हूँ, धीरज तो आ ही जाएगा। मुझे याद नहीं आता मैंने कब आख़िरी बार किसी राजनेता के मुँह से ऐसी ईमानदार स्वीकारोक्ति, स्वयं पर किया गया ऐसा कटाक्ष और वह भी किसी आत्मदया के बिना सुना था। मैं इस बात की इज़्ज़त करता हूँ। यह कैंडिड-मोमेंट एक्नॉलेजमेंट का हक़दार है। और राहुल के व्यक्तित्व में ऐसे कैंडिड-मोमेंट्स भरे पड़े हैं।

    एक नाकाम नेता कहकर राहुल का कोई भले जितना मखौल उड़ा ले, एक व्यक्ति होने की अस्मिता उनसे कोई नहीं छीन सकता। प्रश्न यह है कि किसी व्यक्ति में निहित ईमानदारी, सच्चाई और भोलेपन का कोई महत्व है या नहीं, या हम इन मूल्यों को घोलकर पी गए हैं? वैसा मैं इसलिए कह रहा हूँ कि क्योंकि राहुल गांधी बीते डेढ़ दशक से कठोर उपहास सह रहे हैं, किन्तु अभी तक कटु या उग्र या कुंठित नहीं हुए हैं। यह सरल बात नहीं है। इतनी पराजय, इतनी निराशा और इतने कटाक्ष सुनकर कोई भी कुंठित हो सकता था। शायद यह भी सच हो कि देश का शिक्षित वर्ग मन ही मन राहुल को पसंद करता है, अलबत्ता उनको वोट देने के प्रश्न पर उसके मन में दुविधा हो। क्योंकि देश चलाना एक बात है, भला आदमी होना दूसरी बात है। आज हम मान चुके हैं कि राज-काज के लिए टेढ़ा आदमी होना ज़रूरी है। लोगों ने मान लिया है कि लोहा ही लोहे को काटता है और घी टेढ़ी उंगली से ही निकलता है। यही मान्यता सख़्त प्रशासक को चुनवाती है, जो साम-दाम-दण्ड-भेद से काम निकलवाना जानता हो। लेकिन कब तक? कभी तो जनता टेढ़ेपन से तंग आकर सीधेपन की ओर आकृष्ट होगी? लोग तो मीठे से भी ऊब जाते हैं, कड़वे को कब तक झेलेंगे?

    क्या ही अचरज है कि जिस व्यक्ति को ‘शहज़ादा’ कहकर पुकारा गया था और जो वंशवादी राजनीति का प्रतीक बना दिया गया था, वह सड़कों पर उतरकर लोगों से उनकी तुलना में ज़्यादा घुलता-मिलता है, जिन्हें जनप्रिय नेता बताया जाता है। 1951 में नेहरूजी भी इसी तरह से सड़कों पर उतरे थे और पूरे देश की परिक्रमा की थी। वह उनकी ‘भारत की दूसरी खोज’ थी। जबकि आज देश के बाहुबली नेता लोगों से फ़ासले से मिलते हैं। आभासी छवियों से उनको समझते हैं। उनमें गौरव या उन्माद की भावनाएँ जगाते हैं, मानो एक नागरिक का इसके सिवा और कोई काम नहीं रह गया है कि अहर्निश किसी न किसी बात पर गर्व करता रहे। कुछ नेता तो पत्रकारों का सामना करने से भी डरते हैं। जबकि राहुल तमाम प्रश्नों का सामना करते हैं और यह जानकर करते हैं कि शायद वे धरे जाएँ। क्योंकि प्रश्न टेढ़े होते हैं और राहुल अकसर दुविधा में पड़ जाते हैं या कोई अटपटी बात बोल जाते हैं। प्रतिपक्ष के मुस्तैद कैमरे उस क्षण को दबोच लेते हैं और पूरे देश को दिखाते फिरते हैं कि देखिये, यह व्यक्ति कितना मूर्ख है। हो सकता है कि हो, पर वह प्रश्नों का सामना तो कर रहा है। उनसे भाग तो नहीं रहा। क्या इस बात का कोई मूल्य नहीं है?

    वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने हाल ही में एक बड़ी अच्छी बात कही। उन्होंने कहा कि राहुल चाहकर भी सत्तापक्ष पर उसके स्तर तक जाकर प्रहार नहीं कर पाएँगे, क्योंकि उनका संस्कार वैसा नहीं है। राहुल का संस्कार कांग्रेस पार्टी के उस संस्कार से जुड़ा है, जिसने आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी। जबकि सत्तारूढ़ दल का संस्कार- और याद रहे यहाँ पर दीनदयाल-श्यामाप्रसाद, अटल-आडवाणी की नहीं वर्तमान के सत्तातंत्र की बात की जा रही है- गोधरा से उत्पन्न हुआ है। उसे परस्पर संघर्ष, ध्रुवीकरण और उपद्रव में ही अपना अंतिम मोक्ष दिखलाई देता है। जहाज़ के पंछी की तरह वह बार-बार साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण पर लौट आता है। जबकि राहुल गांधी ‘मोहब्बत की दुकान’ की बात करते हैं और वो इतने मासूम हैं कि 2019 में जब वो चुनाव हारे तो पत्रकार-वार्ता में उन्होंने कह दिया कि “प्यार कभी नहीं हारता है, प्यार कभी नहीं हार सकता है।” यह राजनीति की भाषा नहीं है। पर यह राजनीति की भाषा क्यों नहीं हो सकती? भले, सुशिक्षित, सौम्य लोगों को देश चलाने के योग्य नहीं समझा जाए- क्या यह एक अच्छी बात है?

    आश्चर्य यह भी है कि भारतीय राजनीति के प्रथम परिवार से होने के बावजूद राहुल का व्यक्तित्व समाजवादी साँचे में ढला है और उनके गुण राजनेता से ज़्यादा कार्यकर्ताओं वाले हैं। महात्मा गांधी कांग्रेस के लीडरान से कहते थे कि हमें प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री बनने से ज़्यादा जनता के बीच जाकर काम करने की चिंता करनी चाहिए, जनता पर हमारा प्रभाव, उससे हमारा जीवंत सम्पर्क होगा तो हम चाहे जिसको प्रधानमंत्री बना देंगे। लेकिन जनता से ही अगर कट गए तो आज नहीं तो कल, कुर्सी भी जायेगी। राहुल वैसी ही जनोन्मुख राजनीति करते प्रतीत होते हैं। लोकसभा चुनाव हो रहे हैं और राहुल फिर से अपने घोषणा-पत्र के साथ मैदान में हैं। उनकी भाषा-शैली, सोच-समझ, आचार-विचार-संस्कार की तुलना दूसरी पार्टी के नेताओं से की जा सकती है। और अगर मतदाता दोनों का आकलन करने के बाद इस नतीजे पर पहुँचें कि राहुल को एक बार पाँच साल के लिए देश की कमान सौंपकर देखनी चाहिए, तो इसके लिए उन्हें दोष नहीं दिया जा सकेगा!

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram Email
    News Maati

    Related Posts

    सावन में काशी विश्‍वनाथ मंदिर में नहीं कर पाएंगे VIP दर्शन, जानें वजह

    July 7, 2025

    गुजरात में 350 करोड़ की धोखाधड़ी का पर्दाफाश, तीन साइबर ठग गिरफ्तार, बिहार-झारखंड समेत 14 राज्यों में शिकायतें दर्ज

    July 6, 2025

    फडणवीस का उद्धव- राज पर तंज, बोले – ‘यह विजय रैली नहीं, रोने का कार्यक्रम था’

    July 6, 2025

    Leave A Reply Cancel Reply

    Top Posts

    Exit Poll में राजग को प्रचंड बहुमत, जानें कितनी मिलेगी सीट

    June 1, 20241,096

    रेलवे के आठ कर्मचारी गिरफ्तार, होली के दिन शताब्दी एक्सप्रेस में हुड़दंग मचाने के आरोप

    March 17, 2025918

    रांची के बरियातू समेत नौ ठिकानों पर इडी की रेड, मंत्री के करीबी के घर से 30 करोड़ रुपये के कैश जब्त, गिनती के लिए मंगाई गयी मशीन

    May 6, 2024876

    अहमदाबाद में Air India का विमान क्रैश, 242 यात्री थे सवार; रिहायशी इलाके में हादसा, देखें विडियो

    June 12, 2025663
    Don't Miss
    Jharkhand

    झारखंड शराब घोटाले में ओम साईं कंपनी के दो निदेशक गिरफ्तार

    By News MaatiJuly 7, 20256

    रांची। झारखंड शराब घोटाला मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत जांच कर रही एसीबी…

    झारखंड : 64 पुलिस अफसर बने डीएसपी, डीजीपी ने किया सम्मानित

    July 7, 2025

    पूर्णिया : एक ही परिवार के पांच लोगों लोगों की पीट-पीटकर हत्या , नृशंस हत्या से इलाके में सनसनी

    July 7, 2025

    पटना को दहलाने की साजिश नाकाम, 5 अपराधी गिरफ्तार, हथियार और विस्फोटक बरामद

    July 7, 2025
    Stay In Touch
    • Facebook
    • Twitter
    • Pinterest
    • Instagram
    • YouTube
    • Vimeo

    Subscribe to Updates

    Get the latest Political news from The Pulse of Politics.

    About Us

    News Maati: Your trusted source for breaking news, insightful articles, and diverse perspectives.
    Stay informed with our comprehensive coverage of local and global events.

    Email Us: contact@newsmaati.com
    Contact: 7295050957

    Facebook X (Twitter) Pinterest YouTube WhatsApp

    पहलगाम हमले पर खुशी जताने वाला बोकारो से मोहम्मद नौशाद गिरफ्तार, 28 पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकवादियों को दिया था धन्यवाद

    April 23, 2025

    हमलावर को पकड़ने के लिए 20 टीम गठित, मुखबिरों का सहारा…CCTV में ‘हेक्सा ब्लेड’ लेकर भागता दिखा आरोपी

    January 16, 2025

    नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार होंगे

    August 6, 2024

    दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसा : ओल्ड राजेंद्र नगर में छात्रों के प्रदर्शन के कारण सुरक्षा बढ़ाई गई

    July 29, 2024

    झारखंड शराब घोटाले में ओम साईं कंपनी के दो निदेशक गिरफ्तार

    July 7, 2025

    झारखंड : 64 पुलिस अफसर बने डीएसपी, डीजीपी ने किया सम्मानित

    July 7, 2025

    पूर्णिया : एक ही परिवार के पांच लोगों लोगों की पीट-पीटकर हत्या , नृशंस हत्या से इलाके में सनसनी

    July 7, 2025

    पटना को दहलाने की साजिश नाकाम, 5 अपराधी गिरफ्तार, हथियार और विस्फोटक बरामद

    July 7, 2025
    © 2025 News Maati. Developed & Hosted by Midhaxa Group
    • Home
    • Terms and Conditions
    • Privacy Policy
    • Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.