रांची । झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर अब तक इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर फैसला नहीं हो पाया है। इस बीच मंगलवार को कांग्रेस ने आरजेडी को बड़ा झटका दिया। पूर्व विधायक और आरजेडी नेता राधाकृष्ण किशोर मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। राधाकृष्ण किशोर पांच बार छतरपुर से चुनाव जीत चुके हैं और ऐसी संभावना है कि राधाकृष्ण किशोर को कांग्रेस छतरपुर सीट से उम्मीदवार बनाएगी।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार छतरपुर विधानसभा सीट भी कांग्रेस के खाते में आने की उम्मीद है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के खाते में 30 सीट आएगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा 41 सीट पर, राजद 6 सीट पर और 4 सीट पर लेफ्ट चुनाव लड़ेंगे। हालांकि इस फॉर्मूले की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई।
राधा कृष्ण किशोर वर्ष 1980, 1985 और 1995 में छतरपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी। वही 2005 में जदयू पार्टी के सिंबल से छतरपुर विधानसभा में जीत हासिल कर चुके थे। जबकि 2014 में भाजपा के टिकट से विधानसभा में प्रवेश किया था। वहीं कुछ दिनों तक राजद में भी वह रहे। हाल के दिनों में भाजपा के समर्थन में थे। प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि राधा कृष्ण किशोर के कांग्रेस में आने से झारखंड में कांग्रेस को नई ऊर्जा और मजबूती मिलेगी। इन्होंने लंबे राजनीतिक जीवन में हमेशा जनता के हितों के लिए चिंता की ओर झारखंड के आर्थिक समृद्धि के लिए काम किया है।
विधायक दल के नेता डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि राधा कृष्ण किशोर आर्थिक मामलों के अच्छे जानकार हैं और क्षेत्र के विकास के लिए विशेष रूप से हमेशा वित्तीय प्रबंधन सिफारिश किया करते थे। चार दशक से व्यक्तिगत और राजनीतिक रूप से उनसे आर्थिक और राजनीतिक मसलों पर विचार विमर्श होता रहा है। इन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र में विकास के कार्य किए और उग्रवाद प्रभावित छतरपुर विधानसभा को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का भी काम किया है।
परिस्थितियों के कारण कांग्रेस से दूर होना पड़ा-राधाकृष्ण : वही राधा कृष्ण किशोर ने सदस्यता ग्रहण करने के बाद कहा कि राजनीतिक परिस्थितियों के कारण उन्हें कांग्रेस से दूर होना पड़ा था। लेकिन वह जहां भी रहे कांग्रेस की नीतियों सिद्धांतों से बंधे रहे और अपनी राजनीतिक जीवन में इन्होंने इंदिरा गांधी को अपना आदर्श माना था और अब भी कांग्रेस के साथ उनका अटूट रिश्ता रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में सिर्फ छतरपुर विधानसभा ही नहीं बल्कि पूरे पलामू प्रमंडल और राज्य स्तर पर गठबंधन और कांग्रेस की मजबूती दिखेगी।