
पटना। नीतीश कुमार सरकार द्वारा राज्य मे कराई गई जाति आधारित गणना में चिह्नित 94 लाख परिवारों को जल्द से जल्द दो-दो लाख रुपये की उद्यमिता सहायता मिल सके इसके लिए सरकार ने विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी गठन का निर्णय लिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता मे हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।बैठक के बाद मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि जाति आधारित गणना में कुल सर्वेक्षित 2.76 करोड़ परिवारों में लगभग 94 लाख से अधिक परिवार आर्थिक रूप से गरीब पाए गए। इनमें सामान्य जाति, पिछड़ा वर्ग, अत्यन्त पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा अल्पसंख्यक समुदाय अर्थात समाज के सभी वर्गो के परिवार शामिल हैं।



उन्होंने कहा कि इन 94 लाख से अधिक आर्थिक रूप से गरीब परिवारों के आर्थिक विकास के लिए बिहार लघु उद्यमी योजना शुरू की गई है। इन परिवारों में जीविका के अंतर्गत आच्छादित स्वयं सहायता समूह की महिला भी शामिल हैं। साथ ही 94 लाख चिह्नित आर्थिक रूप से गरीब परिवारों की परिधि के बाहर भी जीविका स्वयं सहायता समूह के सदस्य हैं।
राज्य में 11 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह हैं, जिसमें 1.40 करोड़ से अधिक महिला सदस्य हैं। इन दोनों श्रेणी के परिवारों की एक महिला को उद्यमी के रूप में स्थापित करने साथ ही राशि एवं क्रियान्वयन की नीति के संबंध में अनुशंसा प्रदान करने हेतु एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया है।
जीविका कर्मियों का बढ़ा मानदेय : मुख्य सचिव ने बताया कि मंत्रिमंडल ने जीविका कर्मियों का मानदेय दोगुना करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। जीविका योजना में काम करने वाले करीब 1.40 लाख कर्मी हैं। जिनके मानदेय में दोगुनी के करीब वृद्धि की गई है। इस निर्णय से प्रति वर्ष 735 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करना होगा।
प्रखंड सह अंचल व अनुमंडल कार्यालय में भी जीविका रसोई : मंत्रिमंडल ने राज्य के सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालयों के साथ ही जिला में समाहरणालय में राज्य सरकार के स्तर से जीविका दीदियों की रसोई संचालन का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। जीविका दीदी की रसोई बनाने के लिए जो भी आवश्यक आधारभूत संरचना जरूरी होगी उनका निर्माण सरकार कराएगी।
6485 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण होगा : प्रदेश के विभिन्न जिलों में 6485 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल ने स्वीकृत किया है। कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत 38 जिलों में 6485 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होगा। कुल 4079 सड़कों का निर्माण होगा। इस योजना पर 5627 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
कोसी-मेची लिंक परियोजना के लिए 6283 करोड़ : मंत्रिमंडल ने कोसी-मेची लिंक परियोजना के लिए 6283 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इसमें केंद्रांश की राशि 3652 करोड़ रूपया है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में इस परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया गया था। डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि इस योजना के कार्यान्वयन से सिंचाई सुविधा से वंचित बिहार के सबसे पिछड़े सीमांचल क्षेत्र के अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
अंतरराज्यीय मार्गों पर भी चलेंगी करीब डेढ़ सौ बसें : डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से पारस्परिक समझौते के उपरांत दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिम बंगाल के कामगारों को सुगम यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने अंतर्राज्यीय मार्गों पर बसों का परिचालन का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।
इसके लिए 74 नॉन एसी (डीलक्स) और 75 एसी (डीलक्स) बसों की खरीद होगी। 74 नॉन एसी बसों की खरीद के लिए बसों की खरीद पर प्रति बस 68 लाख रुपये की दर से परिवहन निगम को 50.32 करोड़ जबकि 75 एसी बसों के लिए परिवहन निगम के लिए 55.50 करोड़ रुपये के सहायक अनुदान की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा, अंतरराज्यीय मार्गों पर बसों के परिचालन के लिए लोक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत निजी बस आपेरेटरों को कुल 150 नई एसी बस (44 सीटर स्लीपर) की खरीद पर प्रति बस 20 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि निजी बस आपेरेटर को उपलब्ध करने का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृत किया है।
जीविका स्वयं सहायता समूहों को अब 10 लाख तक का ऋण : मंत्रिमंडल ने बिहार जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) से संपोषित स्वयं सहायता समूहों को दिए जाने वाले तीन लाख के ऋण की अधिसीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। यह ऋण स्वयं सहायता समूहों को सात प्रतिशत ब्याज दर पर मिलेगा। ब्याज की दर सात प्रतिशत से अधिक होने पर उसकी प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करेगी।
सर्वाधिक टैक्स का भुगतान करने वाले व्यवसायियों को मिलेगा भामाशाह सम्मान : राज्य में सर्वाधिक कर का भुगतान करने वाले करदाताओं और व्यवसायियों को बिहार सरकार भामाशाह सम्मान से सम्मानित करेगी। मंत्रिमंडल ने वाणिज्य कर विभाग के इस प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। डॉ सिद्धार्थ ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य अन्य व्यवसायियों और करदाताओं को अधिकाधिक कर भुगतान के लिए प्रेरित करना है। सम्मान योजना के अंतर्गत निर्धारित मानदंडों के आधार पर बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम, 2005 एवं माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अधीन चयनित करदाताओं व व्यवसायियों को भामाशाह सम्मान से नवाजा जाएगा। जिसके तहत प्रशस्ति पत्र एवं नकद राशि पुरस्कार में दी जाएगी।