
जयपुर। ब्रह्माकुमारी की प्रमुख रसजयोगिनी दादी रतनमोहिनी का सोमवार देर रात 1 बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया. उन्होंने 101 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. वे पिछले काफी समय से अस्वस्थ थीं और अहमदाबाद के जाइडिस अस्पताल में अपना इलाज करवा रही थीं. उनका पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह राजस्थान के आबू रोड में स्थित ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय शांतिवन में रखा जाएगा, जहां उनके अंतिम दर्शन किए जा सकेंगे. 10 अप्रैल की सुबह 10 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. ब्रह्माकुमारीज के आधिकारिक फेसुबक अकाउंट से एक पोस्ट के जरिए इसकी पुष्टि की गई है.




वर्ष 2021 से थीं प्रशासनिक प्रमुख
फेसबुक पर लिखा है- ‘हमारी परम आदरणीय, ममतामयी मां समान राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने अथक आध्यात्मिक सेवा के जीवन के बाद 101 वर्ष की आयु में धीरे-धीरे सूक्ष्म लोक में प्रवेश किया है. उनकी दिव्य उपस्थिति और शुद्ध कंपन आध्यात्मिक पथ को रोशन करते रहेंगे और लाखों लोगों का मार्गदर्शन करते रहेंगे. प्रेम, सादगी और उच्च दृष्टि की उनकी विरासत हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेगी. दादी जी 2021 से ब्रह्माकुमारीज की प्रशासनिक प्रमुख थीं.’
13 साल की उम्र में ब्रह्माकुमारीज से जुड़ी
25 मार्च 1925 को सिंध हैदराबाद के एक साधारण परिवार में उनका जन्म हुआ था. माता-पिता ने उनका नाम लक्ष्मी रखा था. लेकिन उस वक्त किसी ने भी नहीं सोचा था कि कल यही बेटी अध्यात्म और नारी शक्ति का जगमग सितारा बनकर सारे जग को रोशन करेगी. बचपन से अध्यात्म के प्रति लगन और परमात्मा को पाने की चाह में मात्र 13 वर्ष की उम्र में लक्ष्मी ने विश्व शांति और नारी सशक्तिकरण की मुहिम में खुद को झोंक दिया. वे 13 साल की उम्र में ब्रह्माकुमारीज से जुड़ गईं और उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज कल्याण में समर्पित कर दिया. 101 साल की उम्र में भी दादी की दिनचर्या अलसुबह ब्रह्ममुहूर्त में 3.30 बजे से शुरू हो जाती थी. सबसे पहले वह परमात्मा का ध्यान करती थीं. राजयोग मेडिटेशन उनकी दिनचर्या में शामिल रहा.