
पटना।बिहार मंत्रिपरिषद ने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 पर सैद्धांतिक समिति दे दी है। इसके तहत 100 करोड़ निवेश करने और एक हजार प्रत्यक्ष रोजगार देने वालों को दस एकड़ 1000 करोड़ निवेश करने वाले को 25 एकड़ और फॉर्च्यून 500 कंपनी द्वारा निवेश करने पर 10 एकड़ जमीन मुफ्त दी जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। बैठक में 26 प्रस्तावों को सहमति दी गई। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने मंगलवार को पत्रकारों को सूचना भवन में यह जानकारी दी। मुख्य सचिव ने बताया कि नेउरा दनियावां के बीच फिंटेक्स सिटी की स्थापना होगी। इसके लिए 242 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जाएगी इसके लिए 408 करोड रुपए की मंजूरी दी गई है। यहां निवेशकों के लिए अत्याधुनिक आधारभूत संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा।



इसके अलावा राज्य सरकार ने 32 नए औद्योगिक पार्क के लिए 14600 एकड़ नई भूमि के अधिग्रहण को स्वीकृति दी है। कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में सात शहरों में नए औद्योगिक क्षेत्र को मंजूरी दी गई है इसमें भोजपुर, शेखपुरा, रोहतास, शिवहर, दरभंगा, पूर्णिया, पटना शहर शामिल है।
राज्य मंत्रिपरिषद ने बिहार से अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है। तहत पटना से काठमांडू के लिए 5 लाख, गया से शारजाह के लिए 10 लाख, गया से बैंकॉक के लिए 10 लाख, गया से कोलंबो के लिए 10 लाख और गया से सिंगापुर के लिए 10 लाख रुपए का ट्रिप अराउंड पैकेज दिया जाएगा।
कृषि सलाहकारों को 13 हजार की जगह अब 21 हजार मासिक मानदेय का भुगतान किया जाएगा। राज्य में इस समय 7047 कृषि सलाहकार काम कर रहे हैं। राज्य की तीन राज्य की तीन निमार्णाधीन पनबिजली परियोजनाएं बरबल, रामपुर और नटवार बंद होगी
जबकि 9 अन्य बिजलीघरों तेज पुरा, डेहरा, सिपहा, बलिदाद, पहरमा, मथौली, राजापुर, अमेठी एवं डेहरी के निर्माण पर 167 करोड रुपए खर्च होंगे। बिहार सरकार राज्य में कार्यरत इकाइयों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार हेतु राजकोषीय प्रोत्साहनों की आवश्यकता को समझती है। इसके अनुसार बिहार सरकार ने राजकोषीय प्रोत्साहनों का एक अनुकूलित पैकेज तैयार किया है जो राज्य के तुलनात्मक लाभों को ध्यान में रखता है और राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देता है। औद्योगिक पैकेज 2025 सरकार द्वारा अधिसूचना की तिथि से 31 मार्च, 2026 तक लागू रहेगा।
सामान्य शर्ते : इस पैकेज के तहत नयी औद्योगिक इकाइयों को 31 मार्च, 2026 या उसके पूर्व उद्योग विभाग के सिंगल विण्डो क्लियरेंस पोर्टल पर आवेदन करना होगा। औद्योगिक इकाई की न्यूनतम परियोजना लागत 50 लाख रुपये से ज्यादा होनी चाहिए, साथ ही परियोजना का कार्यान्वयन माइलस्टोन 31 मार्च, 2027 के पूर्व प्राप्त करना होगा। विभिन्न प्रक्षेत्र के परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए माइलस्टोन का दिशा-निर्देश विभाग द्वारा अलग से किया जायेगा।
मौजूदा औद्योगिक इकाइयों जिन्होंने 2016 के तहत प्रोत्साहन या लाभ प्राप्त कर लिया है और अपनी पात्रता अवधि पूरी कर ली है, वे बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज, 2025 की विस्तार श्रेणी के तहत प्रोत्साहन का दावा करने के लिए पात्र होंगी, बशर्ते कि विस्तार बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज, 2025 की अधिसूचना के बाद हो।
जिन औद्योगिक इकाइयों ने 2016 के अंतर्गत आवेदन किया था, लेकिन अभी तक वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ नहीं किया है और जिन्हें स्टेज-1 क्लियरेंस, वित्तीय प्रोत्साहन अथवा वाणिज्यिक उत्पादन तिथि इनमें से किसी स्टेज की स्वीकृति प्राप्त नहीं है और जो बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज, 2025 के तहत लाभप्राप्त करना चाहती हैं, उन्हें नए पैकेज के अनुदान प्राप्त करने हेतु पुन: नया आवेदन करना होगा।
नये औद्योगिक पैकेज 2025 के अन्तर्गत स्वीकृत इकाइयों द्वारा इस पैकेज के अन्तर्गत देय वित्तीय अथवा अन्य प्रकारों के प्रोत्साहनों का लाभ लेने पर उसी प्रकार के लाभ को अन्य नीतियों के अन्तर्गत नहीं लिया जा सकेगा। परन्तु अन्य नीतियों के अन्तर्गत उल्लिखित प्रोत्साहनों के प्रकार जो पूर्व के प्रविधान में उल्लिखित नहीं है, उनका लाभ डिवोटिलाइन के अन्तर्गत किया जा सकेगा।
उदाहरण के तौर पर वस्त्र (ळी७३्रह्णी) प्रक्षेत्र के उद्योगों के द्वारा रोजगार अनुदान में वस्त्र प्रक्षेत्र विशेष के लिए जारी बिहार वस्त्र एवं चर्म नीति, 2022 में उल्लिखित वित्तीय प्रोत्साहन को लिया जा सकेगा एवं उस परिस्थिति में बी आई आई पीपी 2025 में उल्लिखित रोजगार अनुदान देय नहीं होगा। मौजूदा आई आई पीपी, 2016 नीति के तहत पंजीकृत एवं लाभ प्राप्त कर रही औद्योगिक इकाइयों बिहार औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन पैकेज, 2025 के तहत अनुदान या प्रोत्साहन के लिए पात्र नहीं होंगी।
ब्याज सब्सिडी: नए उद्योगों को ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी, जिससे उन्हें वित्तीय सहायता मिलेगी।
कर प्रोत्साहन: राज्य सरकार ने उद्योगों को कर प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया है, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ होगा।
स्टांप ड्यूटी में छूट: उद्योगों को स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिलेगी।