रांची। टेंडर घोटाला मामले में जेल में बंद झारखंड के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम और निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम सहित 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित कर दिया गया है। धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने शनिवार को आरोपियों पर आरोप गठित किया। इससे आरोपितों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
मामले के आरोपितों को उनके ऊपर लगे आरोपों के बारे में कोर्ट ने पूछा। इस पर आरोपितों ने कहा कि मामले में वह निर्दोष हैं। इसके बाद अदालत ने आरोप गठित कर दिया। मामले में अब ईडी की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किया जाएगा। आरोप गठन के दौरान ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार काका कोर्ट में मौजूद थे। मामले में आलमगीर आलम, वीरेंद्र राम, उसकी पत्नी राज कुमारी, भाई आलोक रंजन, पूर्व मंत्री के आप्त सचिव संजीव लाल, उसका नौकर जहांगीर आलम, मुकेश मित्तल, ताराचांद, नीरज मित्तल, राम प्रकाश भाटिया सहित 12 पर आरोप गठित किया गया।
उल्लेखनीय है कि टेंडर कमीशन घोटाला मामले को लेकर ईडी ने सबसे पहले 21 फरवरी, 2023 को बड़ी कार्रवाई की थी। निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के रांची जमशेदपुर पटना और दिल्ली सहित कई ठिकाने पर छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद वीरेंद्र राम सहित अन्य को ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी की दूसरी बड़ी कार्रवाई 6 और 7 मई को हुई थी। इसमें कई इंजीनियर, कांट्रेक्टर-ठेकेदार और पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के पीएस के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के ठिकाने से लगभग 32.30 करोड़ कैश बरामद हुए थे। इसके बाद पूर्व मंत्री आलमगीर आलम से दो दिनों की पूछताछ के बाद ईडी ने 15 मई को गिरफ्तार कर लिया था।