पटना। बिहार के कई सरकारी महकमों में जल्द ही 7,559 पदों पर नियुक्तियां होगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 7,559 पद सृजन का प्रस्ताव स्वीकृत किया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्थापित 6421 उत्क्रमित उच्च माध्यमिक स्कूलों में एक-एक सहायक नियुक्त किए जाएंगे। स्कूल सहायकों के पद सृजन और उन पर सालाना 1.27 अरब रुपये का अतिरिक्त खर्च सरकार को वहन करना होगा।
योजना एवं विकास विभाग में नौकरी : योजना एवं विकास विभाग में सरकार ने एमएलए-एमएलसी फंड के तहत होने वाले कार्यों के सुपरविजन और मानीटरिंग के लिए 350 जूनियर इंजीनियर (सिविल) की सेवा आउटसोर्सिंग पर लेने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है।
पीएचईडी विभाग में होगी बहाली : वहीं, पीएचईडी विभाग में भी नल-जल, सरकारी चापाकल और पेयजल की अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन, सुपरविजन और मॉनिटरिंग करने के लिए 350 जूनियर इंजीनियर (सिविल) की सेवा आउटसोर्सिंग पर ली जाएगी। इन पदों पर काम करने वाले इंजीनियरों पर सालाना 13.25 करोड़ रुपये का खर्च सरकार को वहन करना होगा।
इन पदों के अलावा, ग्रामीण कार्य विभाग में संविदा के आधार पर 231 असिस्टेंट इंजीनियरों के नियोजन का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृत किया है। जननायक कपूर्री ठाकुर छात्रावास एवं अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रावास के संचालन के लिये 91 छात्रावास प्रबंधक, बिहार स्वास्थ्य विज्ञान यूनिवर्सिटी पटना में प्रशासनिक कार्यों के संचालन के लिये 60 पद, जल संसाधव विभाग में 56 नए पदों के सृजन का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है।
फिर मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना शुरू होगी : बिहार में एक बार फिर मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना प्रारंभ होगी। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में सौ मीटर या इससे अधिक लंबी पुल-पुलिया का निर्माण हो सकेगा। अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध संपर्कता के लिए वापस शुरू की जा रही योजना के तहत ग्रामीण पथों पर आवश्यकतानुसार पुल-पुलियों का निर्माण हो सकेगा। योजना के तहत 100 मीटर तक के लंबे पुल-पुलियों का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग करेगा, जबकि 100 मीटर से अधिक लंबे पुल-पुलियों का निर्माण पुल निर्माण निगम करेगा। हालांकि, निर्माण के लिए पुल-पुलियों का चयन का जिम्मा ग्रामीण कार्य विभाग के पास ही होगा। वहां से लंबाई के अनुसार निर्माण की जिम्मेवारी अलग-अलग सौंपी जा सकेगी।
पटना में बनेंगे तीन नए पांच सितारा होटल : राजधानी पटना में तीन नए पांच सितारा होटलों के निर्माण को राज्य कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है। नई स्वीकृति में वीरचंद पटेल पथ स्थित सुल्तान पैलेस को संरक्षित रखते हुए हेरिटेज होटल का निर्माण कराया जाएगा। वहीं, होटल पाटलिपुत्र अशोक और गांधी मैदान के पास बांकीपुर बस पड़ाव की जमीन पर नए सिरे से पांच सितारा होटल बनाया जाएगा। खास बात यह है कि इन पांच सितारा होटलों में शापिंग माल भी होगा। मंत्रिमंडल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि पाटलिपुत्र अशोक की जमीन पर कम से कम 100 कमरों, जबकि बांकीपुर और सुल्तान पैलेस में कम से कम 150-150 कमरों की क्षमता वाले पांच सितारा होटल का निर्माण होगा।
पर्यटन विभाग के अनुसार, तीनों होटलों का निर्माण एवं संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर किया जाएगा। इस कार्य के निमित्त लीज की अवधि 60 वर्ष की होगी, जिसका विस्तार इसके उपरांत 30 वर्षों के लिए किया जा सकेगा। पांच सितारा होटल निर्माण के बाद शेष भू-खंड पर चार सितारा होटलों का निर्माण वैकल्पिक रहेगा जो बाध्यकारी नहीं होगा। पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा नए पांच सितारा होटलों के निर्माण से राज्य में बेहतर औद्योगिक वातावरण बनेगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।