मुंबई: स्थानीय शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में तेजी का सिलसिला जारी रहा और सेंसेक्स 126 अंक चढ़कर नये शिखर पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी पहली बार 25,000 अंक के स्तर को पार कर गया।
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बैंक और पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों में तेजी से बाजार में मजबूती रही। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 126.21 अंक यानी 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ अपने अबतक के उच्चतम स्तर 81,867.55 अंक पर बंद हुआ।
कारोबार के दौरान एक समय यह 388.15 अंक की बढ़त के साथ 82,129.49 अंक तक चला गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 59.75 अंक यानी 0.24 प्रतिशत की तेजी के साथ नये शिखर 25,010.90 अंक पर बंद हुआ।
कारोबार के दौरान एक समय यह 127.15 अंक की बढ़त के साथ 25,078.30 अंक पर पहुंच गया था। सेंसेक्स के शेयरों में पावर ग्रिड, एनटीपीसी, एचडीएफसी बैंक, नेस्ले इंडिया, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन, मारुति सुजुकी इंडिया और रिलायंस इंडस्ट्रीज प्रमुख रूप से लाभ में रहे।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व के प्रमुख के मुद्रास्फीतिक दबाव में कमी के कारण सितंबर में नीतिगत दर में कटौती पर विचार के संकेत से बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाला मिडकैप और स्मॉलकैप में गिरावट रही। इसका कारण पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने के कारण कच्चे तेल के दाम में तेजी है।’’
बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.70 प्रतिशत और मिडकैप 0.80 प्रतिशत नीचे आया। कारोबार के दौरान बीएसई मिडकैप रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था।
एचडीएफसी सिक्योरिटरज के खुदरा शोध मामलों में उप-प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा, ‘‘घरेलू शेयर बाजार में लगातार पांचवें दिन तेजी रही। अमेरिकी बाजार में सकारात्मक रुख के साथ भारतीय बाजार मजबूत खुला। फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) के प्रमुख जेरोम पावेल ने कहा कि सितंबर में नीतिगत दर में कटौती की संभावना है। इससे बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा।’’