
पटना। बिल्डर से रंगदारी मांगने पर पटना पुलिस ने एसटीएफ और एटीएस के साथ दानापुर से राजद विधायक रीतलाल यादव के 11 ठिकानों पर शुक्रवार की सुबह से देर शाम तक छापेमारी की। छापेमारी दल का नेतृत्व दानापुर एएसपी भानु प्रताप सिंह कर रहे थे। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए भारी संख्या में बल की तैनाती की गई।
आर्म्स डिटेक्टर से भी घरों की तलाशी ली गई। हालांकि, अवैध हथियार नहीं मिले। एएसपी ने बताया कि विधायक के ठिकानों से साढ़े 10 लाख नकद, साढे़ 77 लाख के ब्लैंक चेक, जमीन के 14 डीड, कई एग्रीमेंट पेपर, 17 चेकबुक, पांच स्टांप पेपर, छह पेन ड्राइव, वाकी-टाकी आदि बरामद हुए।
छह-सात ब्लैंक चेक और जमीन के दस्तावेज शिकायतकर्ता के आरोपों की पुष्टि कर रहे हैं। पूरे दिन हुई कार्रवाई के दौरान विधायक और उनके साथ प्राथमिकी में नामजद अभियुक्त फरार थे। मामले में विधि-सम्मत कार्रवाई की जा रही है।




विधायक के भाई पर बालू-गिट्टी की मनमानी कीमत वसूलने का आरोप : शास्त्री नगर थानांतर्गत पुनाईचक प्रोफेसर कॉलोनी में रहने वाले कुमार गौरव की जेनेक्स इको इंफ्रा प्रा. लि. नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी है। इसमें राकेश रंजन और जियाउल्लाह साझेदार हैं। विधायक के भाई पिंकू यादव ने बिल्डर से मुलाकात की और विधायक का आदेश बताते हुए धमकी दी कि निर्माण सामग्री यथा गिट्टी, बालू, ईंट आदि मुझसे ही लेना होगा। पिंकू कभी सामग्री की बिल नहीं देता था। बिल्डर के हिसाब से 19 लाख रुपये बकाया था, जबकि पिंकू 33 लाख देने का दबाव बना रहा था।
विधायक ने कॉल कर मिलने बुलाया, मांगी 50 लाख रंगदारी : पिछले वर्ष दीपावली से पहले विधायक ने बिल्डर को काल कर मिलने बुलाया और आवास पर जाने के बाद कहा कि उनके अनुसार चलना होगा, इसलिए भतीजे धीरज यादव को 33 लाख रुपये देना पड़ेगा। क्षेत्र में काम करने के लिए विधायक ने 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। रकम नहीं देने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी। भयवश बिल्डर ने तत्काल चार लाख रुपये दिए और शेष राशि के लिए उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही थी।
…और जमीन खरीदने पर फिर दी धमकी : विधायक की ओर से लगातार दबाव बनाए जाने को बिल्डर नजरअंदाज करते रहे। उन्होंने कोथवां में ही और 15 कट्ठा जमीन खरीदने का एग्रीमेंट कराया। इसके बाद ज्यादा धमकियां मिलने लगीं। तब कुमार गौरव ने गुरुवार को खगौल थाने में विधायक रीतलाल यादव, उनके भाई पिंकू यादव, भतीजा धीरज यादव, सुनील कुमार उर्फ सुनील महाजन व अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी कराई।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस को पुख्ता जानकारी दी गई थी कि विधायक के सहयोगियों के पास कौन-कौन से हथियार हैं और कहां रखे हैं? इस कारण भारी संख्या में पुलिस बल का इंतजाम किया गया था। शुक्रवार को पुलिस ने सर्च वारंट लेने के लिए न्यायालय से अनुरोध किया। इस प्रक्रिया में दो-तीन घंटे लग गए। सूत्र बताते हैं कि पुलिस कोर्ट के कर्मियों पर भी नजर रख रही है। अधिकारियों को यकीन है कि कोर्ट के ही किसी कर्मी ने पुलिसिया कार्रवाई से पूर्व सूचना लीक कर दी थी।
हाल में जेल से छूटा है पिंकू : पिछले वर्ष अगस्त में एम्स, पटना के मुख्य सुरक्षा अधिकारी पर दीघा-एम्स एलिवेटेड रोड के दक्षिणी छोर पर जानलेवा हमला हुआ था। उनपर फायरिंग की गई थी, जिसमें वे बाल-बाल बच गए थे। अधिकारी के बयान पर विधायक के भाई पिंकू के विरुद्ध प्राथमिकी हुई थी।
इस मामले में पुलिस ने शूटरों को दबोचने के बाद पिंकू की तलाश तेज की तो उसने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। हाल में वह जमानत पर छूटकर आया है। वह एम्स में कुछ लोगों से रुपये लेकर गार्ड के तौर पर बहाल करने के लिए मुख्य सुरक्षा अधिकारी पर दबाव बना रहा था।
उन्होंने इनकार कर दिया था, जिस कारण पिंटू ने फायरिंग कराई थी। उसके ठिकाने से गार्ड की वर्दी और प्राथमिकी को पुष्ट करते साक्ष्य भी मिले थे।